देश के 73वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एक राजनीतिक विवाद ने जन्म ले लिया। गुंटूर स्थित जिन्ना टावर पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद भाजपा ने मांग की कि इस टावर का नाम देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर किया जाना चाहिए। वहीं एमएलसी अप्पी रेड्डी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा इसको एक सांप्रदायिक रंग देना चाहती है। रेड्डी ने भाजपा पर लोगों को उकसाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने ये भी कहा कि जब वो सत्ता में थे तब इस टावर का ना म क्यों नहीं बदल दिया था।
रेड्डी ने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है। भाजपा पिछले दो सप्ताह से स्मारक को गिराने के विवादित बयान दे रही है। भाजपा नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे 1999 से 2004 तक और फिर 2014 से 2019 तक टीडीपी के साथ गठबंधन में थे। माणिक्यला राव ने उस समय बंदोबस्ती विभाग संभाला था। अगर भाजपा इतनी उत्सुक थी तो उन्होंने नाम क्यों नहीं बदला।
बता दें कि जिन्ना टावर पर विवाद के मद्देनजर इसके चारों तरफ बाड़ लगा दी गई और इसकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। रेड्डी का कहना था कि जिन लोगों ने यहां पर हमला किया उनके इरादे का पता नहीं था। लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ही उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। इसके बाद वाईएसआरसीपी सरकार में मंत्री, वेल्लमपल्ली श्रीनिवास राव ने एक ट्वीट कर कहा कि 2014-19 के बीच राज्य में शासन करने वाली पार्टियों को याद नहीं था कि गुंटूर में जिन्ना टावर भी है। क्या इससे भी कुछ अधिक गलत हो सकता है कि अब भाजपा इस तरह की हरकत कर रही है।
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सुनील देवधर ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए अपने एक ट्वीट में सीधे सीएम जगन मोहन रेड्डी से पूछा किया क्या आंध्र प्रदेश का गुंटूर भारत गणराज्य का हिस्सा है या नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि हम पाकिस्तान में नहीं हैं। राज्य सरकार पर शर्म आती है जिसने गणतंत्र दिवस पर हिंदू वाहिनी कार्यकर्ता को वहां पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोका। जिन्ना टावर का नाम बदलकर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टावर करने की लड़ाई नहीं छोड़ेंगे।