मिहींपुरवा/बहराइच : कर्तनिया वन्यजीव प्रभाग अंतर्गत मोतीपुर रेंज के नौसर गुमटिहा एवं गायघाट क्षेत्र में पिछले 1 हफ्ते से आदमखोर तेंदुआ आतंक का पर्याय बना हुआ था।
इस तेंदुए ने पिछले एक हफ्ते के भीतर क्षेत्र के 4 बच्चों को अपना निवाला बना लिया था तेंदुए के आतंक से ग्रामीण दहशत में एंव काफी आक्रोशित थे।
वन विभाग तेंदुए को पकड़ने के दावे कर रहा था किंतु तेंदुआ हाथ आने के बजाए रोजाना एक बच्चे को अपना शिकार बना रहा था।
ग्रामीणों के आक्रोश का आलम ये था कि क्षेत्र में कभी भी मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती थी। मामले की गम्भीरता को देखते हुए प्रभागीय वनाधिकारी कर्तनिया आकाशदीप बघावन ने वन विभाग की ओर से जारी तेंदुए को पकड़ने की मॉनीटरिंग अपने हाथ में ली डीएफओ ने क्षेत्र में रुक कर मानव वन्यजीव संघर्ष रोकथाम हेतु संगोष्ठी आयोजित की। ग्रामीणों को हिंसक जीवों से बचने के उपाय बताए एवं उन्हें पटाखे आदि वितरित किये। इसके अलावा डीएफओ ने वनटीम के साथ तेंदुआ संभावित क्षेत्रों में कई जगह पर पिंजरे लगवाए। रविवार को शाम करीब 7 जंगल से अपने शिकार पर निकला आदमखोर तेंदुआ नौसर गुमटिहा में लगे पिंजरे में आकर कैद हो गया।
तेंदुआ के पिंजरे में कैद होते ही ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों का कहना है कि जो तेंदुआ हमारे बच्चों पर हमला कर रहा था यदि वही पिंजरे में कैद हुआ है तो ये हमलोगो के लिये अच्छी खबर है। वन विभाग इस तेंदुए को इतनी दूर छोड़ कर आये कि दोबारा यह तेंदुआ आबादी में न आ सके।
डीएफओ कतरनिया आकाशदीप बघावन ने बताया कि पकड़ा गया तेंदुआ लगभग 2 वर्ष की उम्र का है। इसका चिकित्सकीय परीक्षण कराने के बाद ही नर या मादा होने की पुष्टि की जायेगी। पकड़े गये तेंदुए को चिड़िया घर में छोड़ने पर विचार किया जा रहा है।
संवाददाता: अनिल कुमार मौर्य