पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा प्रांत आतंकी खतरे की दोतरफा मार झेल रहा है। प्रांत के पुलिस प्रमुख ने कहा है कि हमारे लिए आतंकी संगठन आइएस का खोरासान माड्यूल पाकिस्तान के अतिवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से बड़ा खतरा है।
अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता कायम होने के बाद वहां के शहरों में इस्लामिक स्टेट (आइएस) के आतंकियों ने कई बड़े हमले किए हैं। इसके कारण अफगानिस्तान से सटे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इस अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन की गतिविधियां बढ़ने की आशंका है। प्रांत के पुलिस प्रमुख मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि भविष्य में प्रांत में आइएस का खतरा बढ़ने की आशंका है। इसके चलते प्रांत को भीषण आतंकी हमले झेलने पड़ सकते हैं।
अक्टूबर 2021 में प्रांतीय राजधानी पेशावर में यूनानी दवाओं से इलाज करने वाले प्रख्यात हकीम सरदार सतनाम सिंह खालसा की हत्या हो गई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आइएस ने ली थी। बीते साल अक्टूबर और नवंबर में पुलिस पर हमले की दो और घटनाएं प्रांत में हुई थीं, उन घटनाओं में तीन पुलिसकर्मी मारे गए थे। उन घटनाओं की जिम्मेदारी भी आइएस ने ली थी। बाद में पुलिस ने पेशावर से उन हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया था।
अंसारी के अनुसार वैसे तो टीटीपी ने भी प्रांत में कई बड़े हमले किए हैं लेकिन भविष्य में आइएस के हमलों की भयावहता ज्यादा होने की आशंका है। ऐसा इसलिए भी होने की आशंका है क्योंकि उत्तरी और दक्षिण वजीरिस्तान के आदिवासी इलाकों में आइस से हमदर्दी रखने वालों की बड़ी तादाद है। वहां की गरीब, अनपढ़ और बेरोजगार आबादी आइएस के विस्तार में खतरनाक ढंग से सहयोग दे सकती है। संघीय सरकार को इस खतरे से अवगत करा दिया गया है।