रायबरेली: जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वच्छ भारत मिशन योजना का हवाला देकर प्रदेश के प्रत्येक गली व कूचे को स्वच्छ एवं साफ रखने का प्रयास कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों की तानाशाही और मनमाने रवैए के कारण सरकार की इस योजना पर पूर्ण रूप से कालिख पोतने का काम किया जा रहा है। विदित हो कि ग्राम सभा के सरजातपुर मजरे के निवासी बीते कई वर्षों से पानी निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। स्थानीय निवासियों मानी जाए तो उनका कहना है कि बीते कई वर्षों से पानी निकासी की समस्या हमारे मजरे का मुख्य कारण बनी हुई है। हम सभी अपने घरों का दूषित पानी गड्ढा खोदकर भरते हैं और फिर सुबह बाहर तालाब में बहाने जाते हैं। साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि कई बार हमने ग्राम प्रधान से लेकर ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया परंतु हमारे प्रार्थना पत्रों को रद्दी कागज समझदार कूड़ेदान में डाल दिया गया और हमें सिर्फ आश्वासन दे दिया गया कि आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा। परंतु अभी तक हमारी पानी निकासी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। अब ऐसे में गांव में पानी निकासी की समस्या को देखकर यह यक्ष प्रश्न उठना लाजमी हो जाता है कि आखिरकार स्वच्छ भारत मिशन योजना को कागजों पर सफल बनाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के कानों में कब तक जू रेंगेगी और वह मजरे में पानी निकासी की समस्या का समाधान करने में सफल हो।