कोविड पॉज़िटिव होने वाले लोगों में शायद ही कोई होगा जिसके कुछ अच्छे अनुभव होंगे या फिर उसे शारीरिक तौर पर कुछ बेहतर मुनाफा हुआ हो. मगर एक महिला ने अपने कोरोना पॉज़िटिव होने के दौरान का अलग ही अनुभव साझा किया है. ऐसा अनुभव शायद ही पहले सुनने को मिला रहा हो. 2 बच्चों की मां अश्मिरी का कहना है की जब वो अपने बच्चों के साथ इस महामारी के जूझ रही थी उस दौरान बच्चों की सेहत को लेकर वो खासी चिंतित थीं. लेकिन उनकी ये चिंता तब कम हो गई उनके ब्रेस्टमिल्क का कलर अचानक बदल गया.
अश्मिरी की छोटी बेटी अभी ब्रेस्टफीडिंग पर ही है. जिसके लिए उन्होंने मिल्क पंप कर एक थैले में लिया तो शॉक्ड रह गईं. दूध का कलर जो पहले क्रीमी सफेद हुआ करता था वो अब हल्का हरा हो चुका था. पहले तो वो दूध के अचानक बदले इस कलर से घबरा गई. उन्हें लगा कोविड की वजह से शरीर के भीतर कुछ बहुत गंभीर हुआ जिसने ब्रेस्टमिल्क का रंग बदलकर ज़हरीला कर दिया होगा. मगर पता चला की वो तो पहले से कहीं ज्यादा पौष्टिकऔर इम्यूनिटी बढ़ाने वाला हो गया था.
कोविड ने बढ़ा दी ब्रेस्टमिल्क की क्वॉलिटी
अश्मिरी ब्रेस्टफीड को बढ़ावा देने को लेकर मोटिवेट भी करती हैं. उसके फायदे से मांओं को जागरूक करती हैं. हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया पर ब्रेस्टमिल्क की तस्वीर की. दो थैलों में दूध था. एक में क्रीमी सफेद और दूसरे में हल्के हरे रंग का दूध था हल्के हरे रंग का मिल्क कोविड पॉज़िटिव होने के दौरान का है. अश्मिरी कहती हैं कोरोना पॉज़िटिव होने के दौरान इम्यून को बेहतर रखने के लिए जो अच्छा और पौष्टिक खान-पान लेते हैं उसी के इफेक्ट से ब्रेस्टमिल्क की क्वॉलिटी भी बेहतर हुई. लिहाज़ा बच्चों के साथ-साथ उन्होंने खुद भी ब्रेस्टमिल्क का सेवन किया.
ब्रेस्टमिल्क पर पड़ा खान-पान का असर
रिपोर्ट के अनुसार, कोविड पॉज़िटिव होने के बाद अपना खान-पान बेहतर किया, ज्यादा हरी साग-सब्ज़ियों को डेली फूड में जगह मिली, जिसका असर ब्रेस्टमिल्क पर भी पड़ा. जिससे छोटी बेटी जो अभी मां के दूध पर निर्भर है उसे रिकवरी में मदद मिली. उसे बाकी खाने-पीने की चीज़ें देने का विकल्प नहीं था ऐसे में उसे सारे फायदेमंद पौष्टिक तत्व ब्रेस्टमिल्क के ज़रिए ही मिल सके. ब्रेस्टमिल्क के इतने फायदे देख अश्मिरी ने खुद भी इसका सेवन किया.