अमेरिका के टेक्सास में शनिवार को यहूदियों के एक पूजा स्थल पर लोगों को बंधक बनाने के बाद मारे गए संदिग्ध की पहचान 44 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक मलिक फैसल अकरम के रूप में हुई है। बंधक बनाए गए लोगों को करीब 10 घंटे बाद शनिवार रात को रिहा करा लिया गया।
एफबीआई ने कहा कि रात करीब नौ बजे बंधकों में से आखिरी को बाहर निकालने के बाद मलिक फैसल को गोली मार दी गई। एफबीआई ने एक बयान में कहा है कि इस बात के कोई संकेत नहीं मिले हैं कि इस घटना में कोई और भी शामिल था, लेकिन यह घटना एक संभावित मकसद को दर्शाती है।
मलिक फैसल अकरम ने वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लिया था और घटना की सोशल मीडिया पर लाइवस्ट्रीमिंग भी की, जिसमें व्यक्ति को एक पाकिस्तानी न्यूरोसाइंटिस्ट को रिहा करने की मांग करते सुना जा सकता था, जिसे अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के अधिकारियों को मारने की कोशिश करने का दोषी ठहराया गया था। हालांकि, एफबीआई और पुलिस प्रवक्ता ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि बंधकों को छुड़ाने के बाद अकरम को गोली किसने मारी।
कई लोगों ने लाइवस्ट्रीम के दौरान बंधक बनाने वाले को सिद्दीकी को अपनी ‘बहन’ के रूप में संबोधित करते सुना, लेकिन डलास फोर्ट-वर्थ टेक्सास में काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस (सीएआईआर) के कार्यकारी निदेशक फैजान सैयद ने ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि सिद्दीकी का भाई मोहम्मद सिद्दीकी इसमें शामिल नहीं था।
देश के सबसे बड़े मुस्लिम समर्थक समूह सीएआईआर ने शनिवार को हमले की निंदा की। सीएआईआर के राष्ट्रीय उप निदेशक एडवर्ड अहमद मिशेल ने एक बयान में कहा, ”एक पूजा स्थल पर यह हालिया यहूदी विरोधी हमला बुराई का एक अस्वीकार्य कार्य है। हम यहूदी समुदाय के साथ एकजुटता में खड़े हैं और हम प्रार्थना करते हैं कि सुरक्षा अधिकारी बंधकों को तेजी से और सुरक्षित रूप से मुक्त करने में सक्षम होंगे। कोई भी कारण इस अपराध को उचित ठहराने का बहाना नहीं बना सकता है।’