बहराइच: मिहीपुरवा तहसील क्षेत्र से शुरु हुई राष्ट्रीय सरयू नहर परियोजना को पूर्ण कर देश को समर्पित कर दिया गया।परन्तु विभागीय अधिकारियों द्वारा अभी भी मरम्मत के नाम पर परिसम्पतियां नष्ट कर अवैध कमाई की जा रही है। गिरजापुरी बैराज से सरयू बैराज को जोड़ने वाले मेन सरयू नहर के किनारे विचपरी पुल से जरही पुल के बीच में भारी मात्रा में लगी मिट्टी को सिंचाई विभाग द्वारा खुदवाई जा रही थी।जिसका विचपरी व जरही गांव के ग्रामीणों ने विरोध करते हुये सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर खनन माफियों से मिलकर मिट्टी बेचने का आरोप लगाया है। जरही निवासी करन वर्मा, शोभाराम वर्मा, राम सनेही वर्मा का आरोप है कि इस मिट्टी की खुदाई हो जाने से बाढ़ की विभीषिका दौरान नहर कटने का खतरा और बढ़ जाएगा।यदि नहर कटी तो जरही गांव समेत कई गांव को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।इस सम्बंध में सरयू नहर के अधिशासी अभियन्ता अनिल कुमार गुप्ता से बात की गयी तो उन्होने गोल माल जबाब देते हुये बताया कि जेसीबी से खोदकर ट्राली लगाकर मिट्टी सिंचाई विभाग के कार्य के लिये ले जायी जा रही है।जबकि ऐसा नहीं है।यह मिट्टी गुलालपुरवा गांव के पास पुल का मरम्मत कार्य पूरा करने के बाद पुल के रास्ते को मुख्य मार्ग से जोड़ने तथा सड़क पटाई में की जा रही है।