उत्तर प्रदेश की चार बार सीएम बन चुकीं मायावती अब तक चुनाव प्रचार के लिए बाहर नहीं निकली हैं। 10 फरवरी से मतदान शुरू होना है और 7 चरणों के लंबे चुनाव के लिए अब तक किसी प्रचार की कमान मायावती ने खुद नहीं संभाली है। इस बीच खबर है कि मायावती खुद चुनाव भी नहीं लड़ेंगी। यही नहीं उनके मुख्य सिपहसालार सतीश मिश्रा भी चुनावी जंग से दूर रहेंगे। खुद बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘पूर्व सीएम मायावती और मैं चुनाव नहीं लड़ेंगे।’ हालांकि इसके बाद भी उन्होंने यूपी की सत्ता में बीएसपी की वापसी का दावा किया।
समाजवादी पार्टी के 400 सीटें जीतने के दावे पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी के पास तो 400 उम्मीदवार ही नहीं हैं तो फिर इतनी सीटें वे कैसे जीतेंगे। एसपी या फिर बीजेपी सत्ता में नहीं आएंगे। इस बार बहुजन समाज पार्टी सरकार बनाने जा रही है।’ सतीश चंद्र मिश्रा काफी दिनों से अकेले ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। अवध से लेकर पूर्वांचल और पश्चिम यूपी तक उन्होंने दौरे किए हैं। खासतौर पर ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए उन्होंने कई आयोजन किए हैं। लेकिन मायावती की चुनाव को लेकर न तो कोई जनसभा हुई है और न ही कोई रोड शो आदि निकाला है।
बता दें कि इस बार यूपी में बहुजन समाज पार्टी अकेले ही मैदान में उतरी है। गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक की सभी 403 सीटों पर पार्टी ने अपने कैंडिडेट उतारने का फैसला लिया है। अनुसूचित जाति वर्ग में बड़ी पैठ रखने वाली बीएसपी को लेकर कहा जा रहा है कि उसका फोकस राज्य की 85 आरक्षित सीटों पर है। 2017 में बीएसपी महज 19 सीटों पर ही सिमट गई थी। इस बार भी ओपिनियन पोल्स में उसके आसपास ही बीएसपी की सीटें रहने का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में अब मायावती के चुनाव न लड़ने के फैसले से भी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल प्रभावित होगा।