पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा चूक को लेकर मचे सियासी बवंडर ने सूबे के चुनाव से पहले कांग्रेस की सिरदर्दी इस कदर बढ़ा दी है कि पार्टी फिलहाल चुनावी रणनीति को किनारे रख इस मुद्दे पर डैमेज कंट्रोल की हर मुमकिन कोशिश कर रही है। सियासत से सर्वोच्च अदालत तक सुरक्षा चूक के तूल पकड़ते बवंडर का ही असर है कि डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी सफाई देने से लेकर भाजपा और पीएम मोदी पर जवाबी हमले की दोहरी रणनीति अपना रही है। मगर कांग्रेस की मुसीबत यह है कि मनीष तिवारी जैसे उसके अपने ही नेता पीएम की सुरक्षा चूक पर गंभीर सवाल उठा भाजपा के सियासी हमले के गोले में बारूद भरने का भरपूर मौका दे रहे हैं।
पंजाब में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच पहले से ही चल रही अंदरूनी खींचतान के चलते पार्टी की चुनावी तैयारियों से लेकर उम्मीदवारों के चयन की गति रफ्तार नहीं पकड़ पा रही थी। पीएम की सुरक्षा चूक के मामले ने ऐसे सियासी भंवर में डाल दिया है कि भाजपा के आक्रामक हमलों और केंद्रीय गृह मंत्रालय के कड़े तेवरों से निपटने में पंजाब सरकार ही नहीं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए भी इस मामले को ठंड़ा करना आसान नहीं दिख रहा।
इसीलिए पार्टी नेतृत्व की ओर से गए संदेश के बाद वाकपटु प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में भाजपा और पीएम के खिलाफ मोर्चा संभालने के लिए मैदान में उतरे। लेकिन सिद्धू के मैदान में उतरने से पहले ही लोकसभा में आनंदपुर साहिब से कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने पीएम के काफिले के पाकिस्तानी फायरिंग रेंज में होने की बात कहते हुए चन्नी सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।
कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे के प्रमुख चेहरों में शामिल रहे तिवारी के इस बयान को भाजपा ने सियासी बारूद के तौर पर इस्तेमाल करते हुए सुरक्षा चूक को लेकर उसे पर चौतरफा हमला कर दिया। तिवारी के बयानों की तीर से हुए पार्टी के नुकसान को थामने के लिए तब चन्नी से चल रही खींचतान के बावजूद नवजोत सिद्धू मैदान में उतरे और भाजपा तथा पीएम मोदी पर तीखे जवाबी हमले किए। संभवत: यह पहला मौका था जब सिद्धू किसी मुद्दे पर चन्नी सरकार के बचाव में सामने नजर आए।
वहीं कांग्रेस के शीर्ष संगठन के स्तर पर भी सुरक्षा चूक के सियासी तूफान को थामने के लिए जवाबी हमलावर रुख को जारी रखा गया और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए टवीट किया कि कोई अन्य प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर चूकों पैंगोंग सो लेक और अरुणाचल प्रदेश पर ध्यान केंद्रित करता। लेकिन 70 साल में पहली बार एक प्रधानमंत्री अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और वह भी अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से।
खड़गे ने इसके बाद दूसरे ट्वीट में पीएम के फ्लाई ओवर पर रुके काफिले के निकट भाजपा का झंडा लिए उसके कार्यकर्ताओं की एक वीडियो भी पोस्ट की और दावा किया कि यह वीडियो सबूत है कि पीएम मोदी ने पंजाब और कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को बदनाम करने का प्रयास किया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने टवीट में पीएम की सुरक्षा से जुड़े विवाद का कोई जिक्र नहीं किया मगर चीन से लगी सीमा और विशेषकर पैंगोंग सो के इलाके में सीमा पर जारी गतिविधियों को देश की देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा चूक करार देते हुए परोक्ष निशाना जरूर साधा।