पंजाब में सियासी घमासान तेज हो गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिरोजपुर में होने वाली रैली को सुरक्षा कारणों से रद करना पड़ा। गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। वहीं भाजपा ने इस पर सीएम चन्नी का इस्तीफा मांगा है। पीएम का काफिला हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से 30 किलोमीटर दूर था तब रास्ते को प्रदर्शनकारियों ने रोका हुआ था। उस फ्लाईओवर पर पीएम मोदी का काफिला 15-20 मिनट फंसा रहा। वहां से पाक बार्डर महज 30 किलोमीटर दूर है। इस एरिया में ब्लास्ट हो चुका है। इसे गृह मंत्रालय ने पीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक माना है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री के दौरे में सुरक्षा प्रक्रिया में इस तरह की लापरवाही पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इस मामले में जवाबदेही तय की जाएगी। पंजाब में कांग्रेस निर्मित यह घटना इस बात का ट्रेलर है कि यह पार्टी कैसे सोचती है और काम करती है। लोगों द्वारा बार-बार ठुकराए जाने ने उन्हें पागलपन के रास्ते पर ला खड़ा कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज पंजाब में कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे। जो लोग कांग्रेस पार्टी में मोदी से घृणा करते हैं वो आज प्रधानमंत्री को, उनकी सुरक्षा को कैसे भंग किया जाए, इसके लिए प्रयासरत थे। पीएम की सुरक्षा का प्रबंध और रास्ते में किसी भी तरह का गतिरोध नहीं है ऐसा आश्वासन पंजाब पुलिस ने पीएम के सुरक्षा दस्ते को दिया। क्या जानबूझकर झूठ बोला गया?
प्रधानमंत्री का काफिला कहां होता है, इसकी जानकारी केवल स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) और जरूरी होने पर पुलिस को होती है। चूंकि प्रधानमंत्री पंजाब में थे तो इसकी जानकारी राज्य पुलिस को थी। वस्तुत: डीजीपी ने ही एसपीजी को बताया था कि रास्ता साफ है। किसी भी तीसरे व्यक्ति को रूट की जानकारी नहीं होती है तो फिर प्रदर्शनकारियों को रास्ते में फ्लाईओवर पर किसने पहुंचाया। प्रधानमंत्री की गाड़ी 20 मिनट तक अटकी रही। उनकी सुरक्षा को खतरा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने कुछ नहीं किया और कहा जा रहा है कि उन्हें पता नहीं था कि प्रधानमंत्री कहां हैं।
केंद्रीय मंत्री और पंजाब भाजपा प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह एक साजिश है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कुछ कनिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड करने के प्रयास से मामला नहीं सुलझेगा।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि ये एक साजिश थी, बिना राज्य पुलिस और राज्य सरकार की जानकारी के प्रधानमंत्री का एक इंच मूवमेंट भी नहीं होता है। पहले प्रधानमंत्री को क्लीयरेंस दिया गया था, उसके बाद लोगों को रास्ते में छोड़ दिया गया और प्रधानमंत्री को पाकिस्तान के बार्डर पर रुकवा दिया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में जो चूक हुई है उसकी ज़िम्मेदारी पंजाब सरकार को लेनी चाहिए। इस चूक से यह प्रतीत होता है कि पंजाब में क़ानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण समाचार नहीं सुना, वो भी अगर पंजाब की धरती से आए जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा प्रांत है वहां अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध लगती है तो नैतिक और संवैधानिक रूप से पंजाब सरकार जिम्मेदार है। इसके दो ही रास्ते हैं कि या तो पंजाब के मुख्यमंत्री जिम्मेदारी स्वीकार करके इस्तीफा दें या फिर ऐसी सरकार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
फिरोजपुर में केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि नड्डा जी ने पंजाब सीएम को फोन किया, उन्होंने जवाब नहीं दिया। इनके लिए तो बहुत आसान था कि पीएम को पहुंचने देते। प्रधानमंत्री की गाड़ियां रोकी गई। ये रैली को विफल करने की कोशिश है। ये किसान नहीं कांग्रेस कार्यकर्ता हैं जिन्होंने ये काम किया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जो खिलवाड़ पंजाब सरकार के संरक्षण में हुआ वह पंजाब में व्याप्त अराजकता और दुर्व्यवस्था का उदाहरण है। पंजाब सरकार को देश की जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट में लिखा कि देश की जनता का आशीर्वाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। भगवान का धन्यवाद कि उनका जीवन सुरक्षित है, वरना कांग्रेस, कांग्रेस की सरकार और गांधी परिवार ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उनकी सुरक्षा से जो खिलवाड़ किया गया वह देश में पहले कभी नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी। यह प्रधानमंत्री की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ है। ये कांग्रेस, कांग्रेस की सरकार और गांधी परिवार नफरत से इतना भरा है कि प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा से खेल जाए! यह आपराधिक षड्यंत्र है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि आज पंजाब में शर्मनाक घटना हुई। सुरक्षा का आश्वासन मिलने के बाद भी प्रधानमंत्री को रैली में जाने से रोका गया। प्रधानमंत्री के साथ अगर किसी राज्य की एक इकाई ऐसी घिनौनी हरकत करती है तो ये निंदनीय है। पंजाब के सीएम को अपना पद त्याग देना चाहिए।
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस प्रकार से कोई भी सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है, इतना बड़ा खिलवाड़ कर सकती है, ये लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है। कांग्रेस पार्टी का इतिहास रहा है, इन्होंने हमेशा देश के लोकतंत्र को समाप्त करने का काम किया है। आज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जिस प्रकार से लापरवाही बरती गई है और वहां(पंजाब) के मुख्यमंत्री ने किसी का फोन उठाना भी ज़रूरी नहीं समझा। उत्तराखंड के लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं। ये लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा।
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल, विशेष रूप से पंजाब के सीएम और गृह मंत्री। जब आप देश के पीएम को सुगम मार्ग प्रदान नहीं कर सकते हैं और वह भी पाकिस्तान बॉर्डर से केवल 10 किमी दूर, आपको पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है और आपको पद छोड़ देना चाहिए।
पंजाब के भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि अगर वे (कांग्रेस) लोकतंत्र को नहीं बचा सकते और राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए नहीं रख सकते, तो उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा की रैली में कम लोगों के आने पर उन्होंने कहा कि हम कल रैली में शामिल होने के लिए लोगों को ले जाने वाली बसों के वीडियो जारी करेंगे।
वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कू पर पोस्ट कर कहा कि भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक करने के कारण रैली रद्द करने की बात कहीं जा रहीं है,वहीं दूसरी और पंजाब के मुख्यमंत्री खाली कुर्सियों की बात कहकर पीएम के वापस लोटने का दावा कर रहे हैं । अब इस बात की जांच जरूरी है कि वापसी सुरक्षा में चूक है या फिर किसानों का आक्रोश.!
पंजाब कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि आज जो हुआ वह स्वीकार्य नहीं है। यह पंजाब के खिलाफ है। फिरोजपुर में भाजपा की राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए भारत के प्रधान मंत्री के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जाना चाहिए था।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस मोदी से घृणा करते-करते प्रधानमंत्री की सुरक्षा तक को ताक पर रख रही है। वस्तुत: प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एसपीजी से नीचे एएसएल (एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग) और उसकी नीचे राज्य पुलिस होती है। तीनों के बीच आपसी सामंजस्य होता है। लेकिन यहां तो राज्य पुलिस ने ही धोखे में डाल दिया। अगर मुख्यमंत्री को पता नहीं कि उनके राज्य में प्रधानमंत्री कहां हैं तो फिर वह संगठन ही नहीं, प्रशासन से भी दूर हैं।