अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत में पाकिस्तानी सेना द्वारा कराई जा रही बाड़बंदी व सैन्य चौकी निर्माण को तालिबान के स्थानीय सहयोगियों ने रोक दिया। सीमावर्ती जिले में रहने वाले प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान सीमा में 15 किलोमीटर भीतर घुस आई थी और निर्माण कार्य करवा रही थी।पाकिस्तानी सेना अफगानिस्तान के निमरोज प्रांत स्थित चाहर बुर्जक जिले में सैन्य चौकी के निर्माण का प्रयास कर रही थी। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है। उल्लेखनीय है कि एक हफ्ते पहले ही तालिबान के खुफिया महानिदेशालय के प्रांतीय प्रमुख ने पाकिस्तानी सेना द्वारा पूर्वी नांगरहार में की जा रही बाड़बंदी को रोक दिया था। दोनों देश करीब 2,400 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसे लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जोर देते हुए कहा कि कामकाजी संबंधों के बावजूद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता देना संभव नहीं है। लावरोव के हवाले से फ्रंटियर पोस्ट ने कहा कि तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह अपने वादों को किस प्रकार पूरा करता है और देश में पैदा होने वाले खतरों से किस प्रकार निपटता है। आतंकवाद के खिलाफ उसकी तरफ से उठाए गए कदम भी अहम कारकों में शुमार होंगे।
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के कब्जे के बाद महिला सैन्य कर्मियों को भय सता रहा है। अफगान नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी फोर्सेज (एएनडीएसएफ) के साथ काम कर चुकीं महिलाएं तालिबान के रडार पर हैं। 28 वर्षीय जमीला कहती हैं, ‘मैं खुद को जेल में बंद महसूस करती हूं। कहीं आ-जा नहीं सकती। बाहर काम नहीं कर सकती। मुझे काफी भय लगता है।’ एएनडीएसएफ में 6,300 से ज्यादा महिला सैन्यकर्मी शामिल थीं।
अफगान मीडिया के हवाले से स्पुतनिक ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तालिबान ने हेरात प्रांत के कपड़ा दुकानों में लगे पुतलों (मैनेक्वींस) के सिर काटने के निर्देश दिए हैं। तालिबान ने इसे शरिया कानून का उल्लंघन बताया है। इससे दुकानदार काफी दुखी और चिंतित हैं।
आइएएनएस के अनुसार, तालिबानी लड़ाके युद्ध के दौरान मारे गए अफगानी सैनिकों व पुलिस कमांडरों की कब्रों को बर्बाद कर रहे हैं। तालिबान ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान समूह के खिलाफ लड़ने वाले योद्धाओं के स्मारकों को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, तालिबान ने इससे इन्कार किया है।