इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी विभाग की छापेमारी पर चल रही सियासत गर्माती जा रही है। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छापेमारी को लेकर समाजवादी पार्टी के सवालों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हिल गए हैं। उन्होंने कहा कि जैन के यहां इतनी बड़ी बरामदगी के बाद अखिलेश का कर्तव्य बनता है कि वह इस प्रकार की चोरी की निंदा करे, लेकिन वह कार्रवाई करने वाली एजेंसी के ऊपर ही संदेह जाहिर कर रहे हैं, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि जैन के यहां बरामद रकम भाजपा की नहीं है और जहां तक छापेमारी की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाया जा रहा है तो क्या किसी चोर को पकड़ने के लिए मुहूर्त निकाला जाता है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के इस आरोप पर कि जैन के यहां से बरामद रकम भाजपा की है, सवाल उठाते पूछा कि उन्हें (अखिलेश) कैसे पता यह भाजपा का पैसा है, वे पार्टनर हैं क्या?
सीतारमण ने कहा कि जैन के यहां जीएसटी खुफिया विभाग की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई लेकिन इसे लेकर जानबूझ कर गलतफहमियां फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह सवाल उठाया जा रहा है कि गलत पते पर छापेमारी की गई तो मैं यह पूछना चाहती हूं कि गलत पते पर अधिकारी गए तो खाली हाथ वापस आए क्या?
इसका मतलब हुआ कि विभाग को जो खुफिया जानकारी मिली थी, वह सही थी। अधिकारी ने खुफिया जानकारी के आधार पर प्रोफेशनल तरीके से कार्रवाई की और वे सही घर में गए। अब जब इतनी बड़ी रकम और 23 किलो सोना निकल गया तो सवाल खड़े किए जा रहे हैं। जैन की कंपनी ओडोकेम इंडस्ट्रीज से जुड़े तलाशी अभियान के दौरान 197.49 करोड़ रुपए नकद, 23 किलोग्राम सोना और कुछ अन्य बहुमूल्य सामान बरामद हुए।
तलाशी के दौरान पाए गए सबूत व जैन के कबूलनामा के आधार पर जैन को गत 26 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। गत शुक्रवार को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की तरफ से बयान जारी कर कहा गया था कि जैन के ठिकानों से बरामद नकदी को जैन के कारोबार का टर्नओवर नहीं माना जा रहा है और अभी जैन पर टैक्स की देनदारी का भी निर्धारण नहीं किया गया है।