केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने 2008 मालेगांव ब्लास्ट मामले में गवाह के बयान को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि गवाह पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और पांच आरएसएस नेताओं का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया था। जिसके चलते गवाह के बयान को लेकर जांच होनी चाहिए। मंत्री ने मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग रखी है।
मालेगांव विस्फोट मामले में गवाह ने मंगलवार को मुंबई की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कोर्ट को बताया कि, विस्फोट के बाद सात दिनों तक उसे एटीएस कार्यालय में रखा गया। उसके बाद एजेंसी ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी। गवाह ने अदालत को यह भी बताया कि एटीएस ने उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के पांच सदस्यों का नाम लेने के लिए दबाव डाला था।
मंत्री किशोर ने कहा, ‘इस बात की जांच होनी चाहिए कि मुंबई एटीएस के लोगों ने मालेगांव विस्फोट मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के लोगों का नाम लेने के लिए गवाह पर दबाव क्यों डाला था।’ इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा।
सपा विधायक द्वारा पुलिस अधिकारी को पीटने के कथित वीडियो पर उन्होंने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को पार्टी में शामिल कर रही है। गौरतलब है कि सकलडीहा विधायक द्वारा एक पुलिस अधिकारी को पीटे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वहीं, मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष चाह कर भी केंद्र सरकार के किसी भी फैसले को गलत नहीं साबित कर पा रहे हैं। उन्होंने चौकीदार चोर है कहा था, लेकिन देश के लोगों ने कहा हम भी चौकीदार। लोगों की प्रतिक्रिया से उन्हें चुप करा दिया।