चौतरफा घिरे असदुद्दीन ओवैसी अब भले ही सफाई देते फिर रहे हो, लेकिन कुछ दिनों पहले सार्वजनिक सभा में उनकी ओर से पुलिस को दी गई चेतावनी ने माहौल गर्म कर दिया है। उन्होंने पुलिस से कहा था- तब क्या होगी जब सत्ता बदल जाएगी। इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए भाजपा प्रवक्ता व राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने उनके साथ साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भी कठघरे में खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा- ‘अखिलेश में तो जिन्ना की छाया है, ओवैसी में तो जिन्ना की रूह बसती है।’ उत्तर प्रदेश चुनाव में अल्पसंख्यक वोट को लेकर कुछ दलों में तीखी लड़ाई है। एक तरफ जहां सपा यह मानकर चल रही है कि उन्हें अल्पसंख्यकों का शतप्रतिशत वोट मिलेगा वहीं ओवैसी सेंध लगाने की कोशिश में जुटे हैं। भाजपा दोनों को एक ही घेरे में रखना चाहती है।
ध्यान रहे कि ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने कुछ वर्षों पहले ऐसी ही चेतावनी हैदराबाद से दी थी जब कहा था कि कुछ घंटे के लिए पुलिस हटा ली जाए तो वह हिंदू नस्ल खत्म कर देंगे। एक सवाल के जवाब में सुधांशु ने शायराना अंदाज में कहा कि कुछ तो बात है कि नस्ल मिटती नहीं हमारी। इसी क्रम में उन्होंने संसदीय अवरोध के लिए भी विपक्ष को कठघरे में खड़ा किया और कहा कि सरकार का दायित्व सबसे बड़ा होता है लेकिन ऐसा कोई नहीं जिसका कोई दायित्व नहीं।
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और पूर्व राज्यसभा सदस्य बिमल जालान को उद्ध-त करते हुए उन्होंने कहा कि 2013 में उन्होंने कहा था कि 17 मिनट में आठ बिल पास करा लिए गए थे बिना किसी चर्चा। यहां तक कि वित्त विधेयक को भी मिनटों में पास करा लिया गया था। सुधांशु ने कहा कि कांग्रेस अपनी गिरेबान में झांके। कांग्रेस न तो सरकार में दायित्व निभाती है और न ही विपक्ष में।