शिवपुरी :- पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करने ओबीसी महासभा ने सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी। पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू करने ओबीसी महासभा ने प्रधानमंत्रीए राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा। इस दौरान आरक्षण को लेकर कलेक्ट्रेट पर नारेबाजी भी की गई व भीमसेना ने भी ओबीसी को अपना समर्थन दिया।

ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य के पिछड़े वर्ग की लगभग 50 प्रतिशत आजादी निवासरत हैए साथ ही वर्तमान में प्रदेश के मुखिया भी ओबीसी वर्ग से ही संबंध रखते हैं। समान परिस्थितयिों के बावजूद भी ओबीसी वर्ग के प्रबुद्धजनों युवाओं और छात्र.छात्राओं के हितों पर सत्ता प्रशासन में बैठे अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लगातार कुठाराघ्ज्ञात किया जा रहा है। इसका मुख्य कारण है कि आजादी के बाद से आज तक ओबीसी आरक्षण को सविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मलित न किया जाना है और प्रशासन द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत विचाराधीन याचिकाओं में लंबित निर्णायक भूमिका में ओबीसी वर्ग का जातिगत आंकड़ा वर्तमान शासन.प्रशासन द्वारा उपलब्ध न कराया जाना भोले.भाले ओबीसी र्व को ठगने की कोशिशए निम्न प्रशासकीय क्षमताए लोकतंत्र में संवैधानिक व्यवस्था को लागू न करनाए गैर.मानवता पूर्ण कुकृत्यए तानाशाही पूर्ण रवैयाए संविधान में अविश्वास की धारण को इंगित करता है जो कि लोकतांित्रत देश का अपमान हैं।

ओबीसी महासभा ने रखी मांगे
पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को 51 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए।
मप्र ओबीसी आरक्षण अधिनियम को संविधान की 9वीं अनुसूची में जोड़ा जाए।
मध्यप्रदेश विधानसभा में विशेष सदन बुलाकर तत्काल प्रभाव से विशेष अधिकार प्रस्ताव से ओबीसी वर्ग को अनुच्छेद 340 के तहत घोषित आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में जोड़े जाने हेतू केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए।
मध्यप्रदेश शासन एवं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रथम से मप्र में निवासरत ओबीसी वर्ग को आर्थिकए सामाजिकए राजनीतिक एवं शैक्षणिक रूप से जातिवार जनसंख्या आंकड़ों को एकत्रित कर अधिकारिक रूप से सार्वजनिक किया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी महासभाए मध्यप्रदेश के डॉण् बिजेंद्र सिंह यादव के साथ कोतवाली अशोकनगर में पदस्थ्ज्ञ थाना प्रभारी द्वारा की गई अभद्रता और दर्ज गैर कानूनी प्रकरण में की गई कार्रवाई की न्यायिक जांच की जाए।