कोरोना महामारी की वजह से देश-दुनिया में कितना नुकसान हो चुका है, ये बताने की ज़रूरत नहीं बची है. ऐसे में इससे बचने के लिए वैक्सीनेशन सभी की अहम ज़िम्मेदारी बन जाती है. ऑस्ट्रेलिया में एक महिला ने भी यही सोचा था, लेकिन उसके साथ जो हुआ, वो बेहद अजीबोगरीब था. महिला ने वैक्सीनेशन तो पूरा करा लिया, पर इसकी सज़ा उसे बेरोज़गार होकर भुगतनी पड़ी.
लैनी चैट नाम की महिला ऑस्ट्रेलिया की एक चर्च में नौकरी करती थीं. उनका आरोप है कि चर्च की ओर से उन्हें नौकरी से सिर्फ इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि उन्होंने कोरोना से बचने के लिए टीका लगवा लिया था. लैनी का दावा है कि उनके बॉस ने उनके टीका लगवाने को भगवान की मर्जी के खिलाफ माना है.
कोरोना वैक्सीन लगवाते ही गई नौकरी
इस घटना का शिकार हुईं लैनी चैट ऑस्ट्रेलिया के चर्च ऑफर उबुंटू में काम करती थीं. चर्च की स्पिरिचुअल होम एंड वेलनेस क्लीनिक की ओर से सेहत के तमाम नुस्खे बेचे जाते हैं और वे वैक्सीनेशन का विरोध करते हैं. The Sun की रिपोर्ट के मुताबिक लैनी ने कहा कि उनके ऑर्गनाइज़ेशन में जैसे ही किसी को इस बात का पता चला कि उन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवाई है, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया. वहीं चर्च की तरफ से महिला के वैक्सीन लगवाने को गलत ठहराया गया और कहा गया कि ये भगवान की मर्जी के खिलाफ है.
अपनी बात पर अड़ा है चर्च
लैनी चैट का कहना है कि वे इस बात को जानकर दंग रह गईं कि उन्हें इसलिए नौकरी से निकाला गया है, क्योंकि वे वैक्सीन लगवाकर आई हैं. हालांकि चर्च की तरफ से कहा जाता रहा है कि ये सभी के हेल्थकेयर डिसीज़न को सपोर्ट करता है. वहीं चर्च की तरफ से उन्हें डबल स्टैंडर्ड रखने के लिए काफी कुछ कहा गया. साफतौर पर चर्च कह रहा है कि महिला चाहे तो कानून की मदद ले सकती है लेकिन चर्च के संविधान के खिलाफ वे कुछ भी नहीं करेंगे. महिला को उनकी पोज़िशन से हटाकर दूसरा काम भी देने की पेशकश की गई थी लेकिन वे इसके लिए नहीं मानीं.