बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद किया। सोनिया गांधी ने इंदिरा गांधी के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में उसके साथ खड़ा होने के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि 50 साल पहले बांग्लादेश के साहसी लोगों ने खुद को एक नया भविष्य दिया था। भारत उनके साथ खड़ा रहा और एक करोड़ शरणार्थियों को घर दिया। हमें बांग्लादेश के उन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बांग्लादेश के विजय दिवस की पूर्वसंध्या पर कांग्रेस की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की ऐतिहासिक विजय देश की राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य अभियान की मिलीजुली कोशिशों का नतीजा थी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी समेत कांग्रेस के कई अन्य नेता और सेना के पूर्व अधिकारी शामिल हुए।
इसके साथ ही सोनिया गांधी ने बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्तों को भी याद किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने भारतीय सेना और उस वक्त सैन्य नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हम इंदिरा गांधी को बड़े गर्व के साथ याद करते हैं। वह अपने साहस के लिए करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। सन 1971 कई मायनों में इंदिरा गांधी का सबसे बेहतरीन साल था। उन्होंने बांग्लादेश के लोगों के लिए पूरी दुनिया को संवेदनशील बनाया।
मालूम हो कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ढाका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बुधवार को ढाका में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान स्मारक संग्रहालय का दौरा किया। उन्होंने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि भी दी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति कोविंद ने जब बांग्लादेश के नौ महीने लंबे 1971 के मुक्ति संग्राम के शहीदों की याद में स्मारक पर माल्यार्पण किया तो सेना की तरफ से शोक की धुन बजाई गई और फिर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया।