सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने सुन्नी मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) को प्रतिबंधित कर दिया है। सऊदी अरब की सरकार ने जमात को समाज के लिए खतरा बताया है साथ ही इसे आतंकवाद के प्रवेश द्वारों में से एक करार दिया है। सऊदी इस्लामी मामलों के मंत्रालय ने मस्जिदों को शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद तकरीर में लोगों को उनके साथ जुड़ने के खिलाफ चेतावनी देने का निर्देश दिया। देश के इस्लामी मामलों के मंत्री ने सोशल मीडिया पर सुन्नी इस्लामी संगठन को आतंकवाद के द्वारों (Entry Gate of Terrorism) में से एक बताते हुए प्रतिबंध का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि तब्लीगी जमात समाज के लिए खतरा है।
सऊदी अरब के इस सख्त फैसले का का तब्लीगी जमात पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। भारत में कोरोना महामारी के शुरुआत में दिल्ली में तब्लीगी जमात के जलसे को लेकर भारी बवाल भी हुआ था। मंत्रालय की ओर से सिलसिलेवार ट्वीट में कहा गया कि इस्लामिक मामलों के महामहिम मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ अल अलशेख (Dr Abdullatif al alsheikh) ने मस्जिदों और मौलवियों से जुमे की तकरीर के दौरान तब्लीगी जमात से लोगों को न जुड़ने की चेतावनी देने का निर्देश दिया है। यह उन मस्जिदों के लिए भी प्रभावी होगा, जहां जुमे की नमाज अस्थायी रूप से की जाती है।
तब्लीगी जमात से लोगों के भटकने और ब्रेन वाश होने का खतरा, यह आतंकवाद का एंट्र्री गेट में से एक है। भले ही वह कुछ और दावा करें। उनकी सबसे प्रमुख गलतियों का जिक्र करें। लोगों को बताएं कि यह संगठन समाज के लिए खतरा है। यह भी बताएं कि सऊदी अरब में तब्लीगी सहित सभी पक्षपातपूर्ण समूहों से संबंध रखना गैर कानूनी है।