विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का वहां भारत की चाबहार बंदरगाह परियोजना पर कोई असर नहीं पड़ा है। प्रश्नकाल के दौरान बसपा सांसद रीतेश पांडेय ने सरकार से सवाल किया था कि क्या ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का भारत की चाबहार परियोजना पर कोई असर पड़ा था। उन्होंने दावा किया कि ईरान सरकार सार्वजनिक रूप से कह रही है कि अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से हमारी चाबहार परियोजना में काफी विलंब हुआ है।
बसपा सांसद ने दावा किया कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों का फायदा उठाकर चीन परियोजना पर काम करने की कोशिश कर रहा है जैसा कि उसने रेल लिंक के साथ किया था।
उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या वह इसके समाधान पर काम कर रही है। जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘मैं सदस्य को सूचित करना चाहता हूं कि उनका कथन पूरी तरह गलत है। इस समझौते पर 2016 में हस्ताक्षर किए गए थे। हमने 2018 में टर्मिनल पर कब्जा हासिल किया था। हम पहले ही छह क्रेन की आपूर्ति कर चुके हैं। टर्मिनल पूरी तरह काम कर रहा है।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि चाबहार बंदरगाह के संचालन संबंधी सभी समझौते ईरान के साथ ही किए गए हैं।
वहीं, पिछले दिनों भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि अफगानिस्तान की स्थिति का व्यापक असर मध्य एशिया पर हुआ है। विदेश मंत्री ने रूस के साथ टू प्लस टू की बैठक के दौरान यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि आसियान केंद्रीयता में भारत और रूस दोनों के समान हित हैं।