निजता के उल्लंघन पर 742 मामले दर्ज इंटरनेट मीडिया में

देश में वर्ष 2020 में आइटी एक्ट की धारा 66 ई के तहत इंटरनेट मीडिया में निजता के उल्लंघन के 700 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। यह जानकारी शुक्रवार को राज्यसभा में इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी। मंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार निजता उल्लंघन के 742 मामले केवल 2020 में दर्ज किए गए। धारा 66 ई के तहत 2019 में 812 और 2018 में 389 मामले दर्ज हुए थे। उन्होंने बताया कि धारा 66 ई के तहत दंड का भी प्रविधान है। ये सारे मामले विभिन्न राज्यों की पुलिस देख रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, सरकार इंटरनेट से जुड़ी सेवाओं को पूरी तरह से बंदिशों से मुक्त, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह बनाने को दृढ़ संकल्पित है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि कृषि कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस कार्रवाई में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई। किसानों का यह विरोध प्रदर्शन करीब एक साल चलने के बाद गुरुवार को स्थगित हो गया है। इससे पहले सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद कर दिया था। राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई। अगर किसी मामले में उन्हें आर्थिक सहायता की दरकार होगी तो वह राज्य सरकारें देंगी।

इस समय देश में प्रतिदिन कुल 13,555 ट्रेन चलाई जा रही हैं। लेकिन इनमें से 37 प्रतिशत ट्रेन ही डीजल इंजन से चलाई जा रही हैं जबकि बाकी 63 प्रतिशत इलेक्टि्रक इंजन से चल रही हैं। इसके चलते ट्रेन परिचालन से बहुत कम प्रदूषण हो रहा है। यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा को दी है। देश के 6,071 रेलवे स्टेशनों पर दी जा रही फ्री वाईफाई की सुविधा में हर महीने औसतन 97.25 टेराबाइट डाटा इस्तेमाल हो रहा है।
वैष्णव ने बताया कि उच्च श्रेणी के यात्रियों को ट्रेन में दी जाने वाली बिस्तर की सुविधा को फिर से शुरू करने का निर्णय पर अमल ओमिक्रोन वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। लेकिन जल्द ही इसे पूर्व की भांति लागू कर दिया जाएगा। वैसे कुछ ट्रेनों में यह सुविधा शुरू की जा चुकी है। विदित हो कि कोरोना संक्रमण के दौर में सभी ट्रेनों में यह सुविधा रोक दी गई थी।
सितंबर में पूरे हुए 2020-21 के कारोबारी वर्ष में चीनी मिलों ने गन्ना मूल्य के कुल 88,436 करोड़ रुपये चुका दिए गए हैं। जबकि पुराने बकाया धन में से 4,445 करोड़ रुपये का भी भुगतान किया गया है। इस प्रकार से कुल 92,881 करोड़ रुपये का भुगतान गन्ना किसानों को हो चुका है। राज्यसभा में यह जानकारी खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने दी है। उन्होंने बताया कि 2016-17 से किसानों को गन्ना मूल्य का नियमित भुगतान कराया जा रहा है।