उत्तर प्रदेश में भाजपा को चोटी पर पहुंचाने वाले रणनीतिकार व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समाजवादी पार्टी की छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन को ज्यादा तरजीह नहीं दे रहे हैं। शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता पहले भी वोट बैंक आधारित गठबंधन की राजनीति को नकार चुकी है और इस बार भी ऐसा ही होगा। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत का दावा किया।
एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में भाजपा के पहले सहयोगी रहे दलों के साथ सपा के गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि राजनीतिक दलों का गठबंधन फिजिक्स के बजाय केमिस्ट्री की तरह होता है, जहां दो केमिकल को मिलाने से कोई तीसरा केमिकल बन जाता है। उन्होंने कहा कि गठबंधन को वोटों के जोड़ या घटाव के हिसाब से आंकना उचित नहीं होगा। इस संबंध में उन्होंने पहले विभिन्न दलों के साथ सपा के गठबंधनों का हवाला दिया, जिसके बावजूद भाजपा की भारी जीत हुई थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता अब जागरूक हो चुकी है। वह अब गठबंधनों के आधार अपना निर्णय नहीं लेती है।
साल 2014 के बाद से लगातार उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की रणनीति बनाने वाले अमित शाह ने काशी, गोरखपुर, कानपुर और अवध क्षेत्र के दौरों के आधार पर भाजपा की प्रचंड जीत का दावा किया। कहा कि 12 दिसंबर को वे ब्रज क्षेत्र के दौरे पर भी जा रहे हैं लेकिन उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा धर्मेद्र प्रधान के संगठनात्मक नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। बाकी सभी वरिष्ठ नेता उनका सहयोग करेंगे
अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कृषि कानून विरोधी आंदोलन के किसी असर से इन्कार कर दिया। उनके अनुसार, उत्तर प्रदेश में पहले भी कृषि कानून विरोधी आंदोलन का उतना असर नहीं था और कृषि कानूनों की वापसी के बाद यह मुद्दा पूरी तरह से खत्म हो गया है।
अमित शाह ने पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढिंढसा के साथ भाजपा के गठबंधन के संकेत दिए। अमरिंदर सिंह पहले ही भाजपा के साथ गठबंधन का एलान कर चुके हैं। इस सिलसिले में अगले कुछ दिनों में उनकी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत हो सकती है।
इसके साथ ही भाजपा ने साफ संकेत दे दिया है कि वह अब अकाली दल को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है। दो दिन पहले ही बादल परिवार के करीबी रहे मनजिंदर सिंह सिरसा को पार्टी में शामिल कराकर भाजपा ने इसके संकेत भी दे दिए।
अमित शाह ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही पंजाब की राजनीति में भाजपा की वापसी हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव में वह अहम खिलाड़ी रहेगी। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया और संसद ने इस पर मुहर भी लगा दी है। अब पंजाब में कृषि कानून कोई मुद्दा नहीं है। वहां चुनाव मेरिट के आधार पर होगा और विकास ही अहम मुद्दा रहेगा।