तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता शरद पवार से मुलाकात के बाद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि अब कोई संप्रग नहीं है।
ममता बनर्जी अपने तीन दिवसीय दौरे पर इन दिनों मुंबई में हैं। मंगलवार को उन्होंने महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे और शिवसेना सांसद संजय राउत से मुलाकात की थी। बुधवार को वह राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार से मिलने उनके घर सिल्वर ओक पहुंचीं।
पवार के साथ लंबी मुलाकात के बाद जब पत्रकारों ने ममता से पूछा कि क्या शरद पवार संप्रग का नेतृत्व करेंगे तो ममता ने प्रतिप्रश्न किया कि कौन सा संप्रग। फिर उन्होंने खुद ही कहा कि अब कोई संप्रग नहीं है। हम लोग मिलकर निर्णय करेंगे। यानी अपने एक ही वाक्य में ममता बनर्जी ने एक ओर संप्रग के अस्तिव पर सवाल खड़े कर दिए तो दूसरी ओर कोई गैर कांग्रेसी गठबंधन बनने पर उसका नेतृत्व शरद पवार को दिए जाने के सवाल से भी कन्नी काट गईं।
यह पूछे जाने पर कि क्या कोई गैर कांग्रेसी गठबंधन तैयार किया जा रहा है, इस पर ममता ने कहा कि ‘शरद जी’ का कहना है कि हमें एक मजबूत विकल्प तैयार करना है, जो लड़ सके। हम क्या कर सकते हैं, जब कोई लड़ ही नहीं रहा है। मेरी समझ से सबको लड़ना चाहिए। माना जा रहा है कि ममता का यह तंज कांग्रेस की ओर था।
कांग्रेस पर ममता के तंज की बानगी उनकी मुंबई के कुछ विशिष्ट जनों से मुलाकात के दौरान भी दिखाई दी, जब उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि राजनीति में लगातार संघर्ष करना पड़ता है। आप ज्यादा समय विदेश में रहकर यह काम नहीं कर सकते। आप सड़क पर नहीं उतरेंगे, तो भाजपा आपको क्लीन बोल्ड करेगी। हालांकि, पत्रकारों ने जब उनसे यह पूछा कि क्या किसी गैर कांग्रेसी मोर्चे का नेतृत्व वह स्वयं करेंगी, ममता ने इससे भी इन्कार करते हुए कहा कि मैं तो एक छोटी कार्यकर्ता हूं। ममता का कहना था कि यदि सभी क्षेत्रीय पार्टियां एक साथ आएं तो भाजपा को हराना आसान हो सकता है। हम कहना चाहते हैं कि भाजपा हटाओ, देश बचाओ। भाजपा देश के लिए सुरक्षित विकल्प नहीं है। हमें देश को सुरक्षित रखना है
दूसरी ओर शरद पवार ने कहा कि ममता का इरादा राष्ट्रीय स्तर पर समविचार वाली पार्टियों को साथ लेकर एक संयुक्त नेतृत्व तैयार करना है। हमारा यह विचार आज के लिए नहीं है। यह चुनाव के लिए है। बाद में शरद पवार ने ट्वीट करके भी कहा कि बुधवार को अपने आवास पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर खुशी हुई। हमारे बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। हम लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने और लोगों के भले के लिए संयुक्त प्रयास करने पर सहमत हैं। बता दें कि महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी राकांपा उसी महाविकास अघाड़ी सरकार में एक तिहाई की हिस्सेदार है, जिसमें कांग्रेस भी एक तिहाई की ही हिस्सेदार है।
संभवत: इसीलिए ममता बनर्जी से पवार की मुलाकात के पहले ही राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक मंगलवार को कह चुके हैं कि कांग्रेस के बगैर कोई विपक्षी मोर्चा संभव नहीं है। बता दें कि ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस इन दिनों कई राज्यों में कांग्रेस के विधायकों और नेताओं को भी अपनी ओर खींच रही है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर नवाब मलिक ने कहा था कि सभी को अपनी पार्टी को विस्तार देने का हक है, लेकिन कोई विपक्षी मोर्चा कांग्रेस के बगैर तैयार नहीं हो सकता।