ब्रिटेन के खुफिया प्रमुख ने मंगलवार को एक दुर्लभ सार्वजनिक भाषण में कहा कि चीन, रूस, ईरान और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद नाटकीय बदलाव के इस दौर में सुरक्षा के चार बड़े खतरे हैं। ब्रिटिश विदेशी खुफिया सेवा एमआइ 6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने कहा कि चीन जैसे देश संप्रभुता व लोकतंत्र को खत्म करने के लिए कर्ज के जाल और आंकड़ों को सार्वजनिक करने जैसे हथकंडे अपना रहे हैं। पिछले साल कार्यभार संभालने के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में खुफिया प्रमुख ने कहा कि यह खतरों की बदलती प्रकृति है, जिसके लिए अधिक खुलेपन की आवश्यकता है।
इसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल युग में मानवीय समझ विषयक संबोधन के लिए प्रेरित किया।मूर ने लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फार स्ट्रेटजिक स्टडीज (आइआइएसएस) में अपने संबोधन में कहा कि रूस, चीन और ईरान लंबे समय से तीन बड़े खतरे रहे हैं तथा चौथा बड़ा खतरा अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद है। उन्होंने कहा कि चीन की खुफिया एजेंसी काफी शक्तिशाली है और ब्रिटेन तथा उसके समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर जासूसी अभियानों का संचालन करती है। इन अभियानों में सरकारी कर्मचारियों या उद्योग को लक्ष्य बनाना और चीन के हितों के लिए जरूरी शोध शामिल हैं। चीनी खुफिया अधिकारी हमारे समाज के खुलेपन को नष्ट करना चाहते हैं। वे इंटरनेट मीडिया के जरिये भी अभियानों को अंजाम देते हैं। हमें चिंता है कि चीन की सरकार वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक घोषणाओं और राजनीतिक निर्णयों को प्रभावित करने का प्रयास कर रही है।’
मूर ने तेज होते साइबर खतरों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों से मदद मांगी। उन्होंने कहा कि अस्थिर प्रौद्योगिकी के इस दौर में हमें गोपनीयता बरकरार रखने के लिए ज्यादा खुला रहना पड़ेगा। अगले दस वर्षो में प्रौद्योगिकी में व्यापक बदलाव होंगे, जिसके लिए हमें तैयार रहना होगा।