संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने संसद के शीतकालनी सत्र से पहले रविवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई है। सत्र के सुचारू पूर्वक संचालन पर चर्चा के लिए रविवार शाम उच्च सदन में सर्वदलीय नेताओं की यह बैठक है। साथ ही संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी आगामी शीतकालीन सत्र और महत्वपूर्ण कार्यों के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए रविवार को संसद में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
माना जा रहा है कि इस बार का शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। वहीं, विपक्षी नेताओं ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक घंटे पहले सोमवार को संसद में बैठक करने की योजना बनाई है। दोनों सदनों में ‘तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार की विफलता’ और बढ़ती महंगाई को उजागर करने की रणनीति को लेकर यह बैठक की जाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और सांसद ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘हमारी रणनीति पूरे विपक्ष और समान विचारधारा वाले दलों द्वारा संसद में ‘एक आवाज’ में बोलना है और आम आदमी से जुड़े मुद्दों को उठाना है। वहां (संसद) मतभेद नहीं होना चाहिए क्योंकि केंद्र सरकार की विफलता के कारण इन दिनों आम लोगों को बहुत कुछ झेलना पड़ रहा है
एक अन्य विपक्षी नेता व राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘हम कृषि कानूनों को निरस्त करने के मोदी सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन हम विपक्षी नेता सरकार पर कृषि कानूनों को निरस्त करने के विधेयक 2021 पर चर्चा करने के लिए दबाव डालने की कोशिश करेंगे। हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि पिछले एक साल के दौरान आंदोलनकारी किसानों को क्या सामना करना पड़ा और कैसे हो सकता है सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार करे।’
विपक्षी सांसद ने आगे कहा कि हम विपक्षी नेता न केवल कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले विधेयक 2021 पर चर्चा करना चाहते हैं, बल्कि चीनी आक्रामकता, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, बेरोजगारी और लखीमपुर खीरी की घटना पर भी चर्चा करना चाहते हैं। लखीमपुर घटना में आठ लोग मारे गए थे और उम्मीद कर रहे हैं कि मोदी सरकार विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सभी सवालों का जवाब देगी।
संसद का शीतकालीन सत्र सुचारू रूप से चलाने के उद्देश्य से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 29 नवंबर को विभिन्न पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के साथ होने की संभावना है। 26 नवंबर को संसद के सेंट्रल हाल में लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह का लगभग सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया था। बिरला ने विपक्षी दलों द्वारा कार्यक्रम का बहिष्कार करने पर ‘दर्द’ व्यक्त किया। कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बिरला ने कहा कि वह सदन के सुचारू संचालन के लिए आम सहमति बनाने के लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष के साथ बैठेंगे। लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि स्पीकर सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।