गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि पिछले पांच वर्षो के दौरान मणिपुर की कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश के लोग आने वाले चुनावों में एक बार फिर से भाजपा की सरकार चुनेंगे। अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा के साथ मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।
वर्चुअल तरीके से मणिपुर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी रानी गाइदिन्ल्यू के संग्रहालय की आधारशिला रखते हुए शाह ने कहा, ‘मणिपुर में सत्ता में आने से पहले हमने बंद, हड़ताल और नाकाबंदी खत्म करने का वादा किया था। हमने तीनों को खत्म कर दिया है और प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है।’ उन्होंने कहा कि अगर कोई मणिपुर में पिछले पांच वर्षों में हुए विकास और राज्य में पिछले 70 वषरें में हुए विकास के बीच तुलना करेगा तो उसे यह अंतर अपने आप दिखाई पड़ जाएगा। मणिपुर में भाजपा पहली बार वर्ष 2017 में सत्ता में आई थी।
रानी गाइदिन्ल्यू का जन्म 26 जनवरी 1915 को मणिपुर के तमेंगलोंग जिले के नुंगकाओ गांव में हुआ था। कई लोग इस गांव को लुआंग ओ नाम से भी जानते हैं। 1930 में रानी गाइदिन्ल्यू 13 साल की उम्र में ही स्वतंत्रता की लड़ाई में कूद पड़ीं। 1933 से 1947 तक रानी जेल में रहीं। आजाद भारत में रानी नगा नेशनल काउंसिल के खिलाफ थीं। ये काउंसिल नगाओं के लिए अलग देश की मांग कर रही थी और भारत से अलग होना चाहती थी। रानी को 1982 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। 17 फरवरी, 1993 को उनका निधन हो गया। भारत सरकार ने उनके सम्मान में 1996 में एक डाक टिकट और मोदी सरकार ने 2015 में 100 रुपये का सिक्का जारी किया था।