केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के सुदूर एवं जनजातीय इलाकों में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण करने को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस पर 33,822 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी के साथ मंत्रिमंडल ने पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के 7,287 गांवों में दूरसंचार टावर स्थापित करने को भी मंजूरी प्रदान की है। इससे जनजातीय क्षेत्रों में दूरसंचार संपर्क स्थापित करने में आसानी होगी।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चरण-1, चरण-2 और वामपंथी चरमपंथ प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क योजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) को जारी रखने को मंजूरी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस पर 33,822 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय होगा, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 22,978 करोड़ रुपये होगी।
वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के जो आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं उन इलाकों में जितने भी अनकवर्ड गांव हैं उनके लिए टेलीकाम कनेक्टिविटी पैकेज पास किया गया है। इस पैकेज में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में 491 गांव, नंदुरबार जिले में 109 गांव, उस्मानाबाद जिले का एक गांव और वाशिम जिले के नौ गांवों को टेलीकाम सर्विस देने के लिए ये पैकेज पास किया गया है। इस परियोजना पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा सड़क नेटवर्क के विस्तार के फैसले से ना केवल ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पूर्वोत्तर के दूरदराज के क्षेत्रों के साथ-साथ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन भी आसान होगा। वहीं पांच राज्यों के सात हजार से अधिक गांवों में दूरसंचार टावर स्थापित करने से फैसले से सामाजिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी।