चाचा शिवपाल का अखिलेश यादव को संदेश, ”हम लखनऊ आ रहे , स्वागत नहीं करोगे

अगले साल की शुरुआत में होने जा रहे उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां युद्ध स्तर पर तैयारियों में जुट गई हैं. दीपावली और भाई दूज त्योहार संपन्न होने के बाद नेताओं का जनता के बीच दौरा शुरू हो गया है. इसी कड़ी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव रविवार को अकबरपुर कस्बा स्थित हिंदी भवन से अपनी सामाजिक परिवर्तन यात्रा के चौथे चरण की शुरुआत की. इस दौरान शिवपाल यादव सत्ताधारी दल पर हमलावर हुए, साथ ही समान विचारधारा वाली पार्टियों से एक मंच पर आकर भाजपा से मुकाबले करने का आह्वान किया.

अखिलेश यादव ने हाल में सैफई में कहा था कि चाचा का समाजवादी पार्टी में स्वागत करेंगे. उन्हें पूरा सम्मान देंगे. नेताजी के जन्मदिन से पहले कह रहा हूं कि सपा और प्रसपा साथ में यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इस बारे में पूछे जाने पर शिवपाल सिंह यादव ने फिल्मी अंदाज में कहा, ”चाचा लखनऊ आ रहे हैं, स्वागत करें अखिलेश.” विपक्षी पार्टियों से गठबंधन के सवाल पर शिवपाल यादव ने कहा, उनका हर संभव प्रयास है कि 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियां एक साथ आकर बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने में अपना योगदान दें.

इससे पहले शिवपाल सिंह यादव रविवार सुबह अपने समर्थकों के साथ इटावा से कानपुर देहात पहुंचे. यहां प्रसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. अकबरपुर हिंदी भवन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शिवपाल सिंह ने बीजेपी पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए 2022 में जनता द्वारा सबक सिखाए जाने का दावा भी किया. मीडिया से बातचीत करते हुए शिवपाल सिंह ने कहा कि यूपी में मौजूदा समय में अराजकता और भ्रष्टाचार चरम पर है, जिसके चलते हर तबका परेशान नजर आ रहा है. बीजेपी सरकार ने जो वादे किए थे उन को पूरा करना तो दूर, दोबारा अपनी जुबान पर ही नहीं लाए. शिवपाल यादव ने कहा कि जनता भारतीय जनता पार्टी की इस वादा खिलाफी का जवाब 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में देगी. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के माफिया और अपराधियों के साथ उनको संरक्षण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के बयान पर तंज कसते हुए शिवपाल सिंह ने कहा, सभी को अब बीजेपी से बच के रहना चाहिए. साथ ही शिवपाल ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी अगर यूपी विधानसभा चुनाव में प्रसपा को सम्मानजनक सीटें देगी वह तभी गठबंधन के बारे में सोचेंगे.