चीन के दिमाग में क्या चल रहा है, इसे पढ़ पाना दुनिया के लिए मुश्किल हो रहा है। चीन लगातार अपनी ताकत में इजाफा कर रहा है। वह न सिर्फ परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है, बल्कि वह जैविक हथियार बनाने में भी जुटा हुआ है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अपनी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि चीनी सेना रासायनिक और जैविक हथियार बनाने पर काम कर रही है। इसमें कहा गया है कि चीन संभावित दोहरे उपयोग वाले जैविक हथियार की गतिविधियों में लगा हुआ है। चीन इन जैविक, विषाक्त और रासायनिक हथियारों का अनुपालन किस तरह से करता है, यह चिंता बढ़ाने की बात हो सकती है।
रिपोर्ट का निष्कर्ष यह है कि चीन विश्व स्तरीय सैन्य शक्तियों से निपटने के लिए हर संभव अपनी क्षमता बढ़ा कर हासिल करने की दौड़ में लगा हुआ है और वह अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए निरंतर प्रयासरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने परमाणु अस्त्रों के भंडार में तेजी से बढ़ोतरी कर रहा है और साल 2030 तक उसके उस पास मौजूद परमाणु हथियारों की संख्या कम से कम 1000 तक पहुंच सकती है।
इसमें कहा गया है कि चीन अपनी भू, समुद्री और वायु आधारित परमाणु क्षमता प्रणाली की संख्या में बढ़ोतरी कर रहा है और अपनी परमाणु ताकत के विस्तार के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है। यह रिपोर्ट उस वक्त आई है जब ताइवान समेत कई मुद्दों को लेकर अमेरिका और चीन के संबंधों में तनाव है।
चीन को दी गई ‘क्लीनचिट’ वापस लें सरकार : कांग्रेस
इधर, कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन को दी गई ‘क्लीनचिट’ वापस लेते हुए माफी मांगनी चाहिए और देश को यह बताना चाहिए कि चीन के साथ लगी सीमाओं पर अप्रैल, 2020 की यथास्थिति कब तक बहाल होगी। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पेंटागन की एक रिपोर्ट पर आधारित खबर का हवाला देते हुए यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री की ‘झूठी छवि’ बचाने के लिए चीन को क्लीनचिट दी गई। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, अरुणाचल प्रदेश (पूर्व) क्षेत्र से भाजपा सांसद तापिर गाव ने पिछले साल जून में कहा था कि चीन की सेना अंदर घुसकर गश्त लगा रही है और निर्माण कर रही है। उस वक्त सरकार ने उसे नकारा था। बाद में प्रधानमंत्री ने खुद चीन को क्लीनचिट दी। उस वक्त प्रधानमंत्री अपनी नकली छवि बचाने की कोशिश कर रहे थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, अब पेंटागन की रिपोर्ट आई है जिसमें वही बात की गई है, जो हम लोग बार-बार कह रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारी सीमा के साढ़े चार किलोमीटर भीतर चीन ने पूरा एक गांव बसा दिया है। इस गांव में कई बहुमंजिला इमारतें भी बना दी गई हैं। यह बहुत चिंता का विषय है।