पेंटागन ने अपने वार्षिक रिपोर्ट में चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने चीन की परमाणु शक्ति के निर्माण के बारे में बात करते हुए कहा कि अमेरिका के अधिकारियों ने एक साल पहले जो अनुमान लगाया था, चीन उससे कहीं अधिक तेजी से अपनी परमाणु शक्ति में वृद्धि कर रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन जिस तेजी से परमाणु संख्या में वृद्धि कर रहा है उससे बीजिंग को सदी के मध्य तक अमेरिकी वैश्विक शक्ति से मेल खाने या उससे आगे निकलने में सक्षम बना सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि चीन अपने पड़ोसियों, विशेष रूप से भारत के साथ आक्रामक ज़बरदस्त व्यवहार कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, छह साल के भीतर चीनी परमाणु हथियारों की संख्या बढ़कर 700 तक हो सकती है 2030 तक यह संख्या 1,000 से ऊपर हो सकती है. हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि अभी चीन के पास कितने हथियार हैं. लेकिन एक साल पहले अमेरिकी रक्षा विभाग मुख्यालय पेंटागन ने कहा था कि उसके परमाणु हथियारों की संख्या 200 से कम है इस दशक के अंत तक इसके दोगुना होने का अनुमान है.
पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ सीमा रेखा के पास चीनी सेना ने तेजी से अपनी सेना में बढ़ोतरी की है. ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलपमेंट इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2021’ शीर्षक नाम में से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है क कि 2020 में पीआरसी भारत के बीच सीमा गतिरोध में आई तेजी के बाद पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में एक फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया ताकि तेजी से संचार प्रदान किया जा सके. पेंटागन नियमित रूप से अमेरिकी कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों के बारे में रिपोर्ट करता है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध भी शामिल है, जहां पिछले साल जून में दोनों सेनाओं के बीच झड़प के साथ शुरू हुआ था. उस घटना में चीन भारत दोनों पक्षों की ओर से झड़प हुई थी. पेंटागन ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे राजनयिक सैन्य संवादों के बावजूद चीन ने एलएसी पर अपने दावों को दबाने के लिए बढ़ती सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है.