प्रधानमंत्री मोदी समेत जी-20 के नेताओं ने सहमति जताई है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोरोना टीकों की आपातकालीन उपयोग मंजूरी को लेकर प्रक्रिया को तेज करने के लिए मजबूत किया जाएगा। ‘रोम घोषणापत्र’ में सहमति जताई गई है कि कोरोना टीकाकरण दुनिया के लिए फायदेमंद है।भारत के जी-20 शेरपा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को शिखर सम्मेलन में हुई चर्चा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ऊर्जा और जलवायु स्पष्ट रूप से हमारी चर्चा का केंद्र रहा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि G-20 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने सहमति जताई कि कोविड रोधी वैक्सीन एक वैश्विक संपत्ति है। बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि हर कोई वैक्सीन अप्रूवल के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रक्रियाओं को मजबूत करने में मदद करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, WHO) मजबूत होगा तो वैक्सीन को मान्यता तेजी से मिल सकेगी। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जोर देकर कहा था कि यह जरूरी है कि डब्ल्यूएचओ जल्द से जल्द भारतीय टीकों को मंजूरी दे।
पीयूष गोयल ने बताया कि बैठक में सभी नेताओं ने एक सुर में स्वीकार किया कि कोविड महामारी का सामना करना एक बड़ी चुनौती है लेकिन इस लड़ाई में हम सब साथ हैं, हम एक टीम की तरह काम करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्व को बताया कि अगले साल हमारा लक्ष्य 500 करोड़ वैक्सीन बनाने का है। भारत ने किफायती वैक्सीन दुनिया को दी हैं जिसका इस्तेमाल कम आमदनी वाले देश भी कर सकेंगे।