धरती पर हर जीव आपस में संचार करता है लेकिन उनका तरीका अलग अलग होता है। मनुष्य आपनी जुबान से बात करता है और जीव कई तरह के कुदरत के द्वारा दिये गये माध्यम से बात करते है। आपने देखा होगा कि कई जीव अजीब सी आवाज़ें निकालकर दूसरे जीवों को संकेत देते हैं और संचार करते हैं। इसी तरह से कई जानवर ऐसे भी होते हैं जो किसी भी तरह की ध्वनि नहीं निकाल पाते हैं लेकिन फिर भी वो आपस में बात करते है। ऐसे जंतुओं को कुदरत ने कई अन्य दूसरे तरीके दिए हैं जिससे वो संचार करते है।
जैसे चिड़िया गाती हैं, शेर दहाड़ते हैं, कुत्ते भौंकते हैं। ये आवाज़ें तो हम सुन लेते हैं, लेकिन कई ऐसे भी जीव हैं जिनकी आपसी बातचीत का तरीका सबसे विचित्र होता है। इसी तरह से वैज्ञानिकों ने एक शोध किया है कि मछलियों की एक प्रजाति ऐसी भी है जो कि पेशाब द्वारा आपस में बात करते है। जी हां, सिच्लिड प्रजाति की यह मछली अपने पेशाब में मौजूद रसायनों की सहायता से अपनी साथी से बात करते है। ये मछलियों को अपनी मौजूदगी का संकेत देती है ओर बात करती है। आपको बता दे कि जब भी कोई प्रतिद्वंदी आक्रामक रवैया दिखाने लगती है
तो यह मछली पेशाब करके अपने प्रतिद्वंदी को सावधान कर देती है। जानकारी के लिए बता दे कि ये शोध साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने ये जाँच करने के लिए मछली को बैंगनी रंग के डाई का इंजेक्शन लगाया। इस इंजेक्शन के कारण मछली का पेशाब चमकीले और गाढ़े नीले रंग में परिवर्तित हो गया था। जब मछलियों ने एक-दूसरे को देखा तो उन्होंने तुरंत अपने पंख फैलाए और डिवाइडर की तरफ तेजी से तैरने लग गई और उसके जवाब देने लगी।