क्या कहते हैं मोहम्मद शमी को ट्रोल किए जाने पर उनके गाँव के लोग

“ये तो खेल है. हार-जीत तो लगी रहती है. अपने बेहतर प्रदर्शन में कोई खिलाड़ी कमी नहीं छोड़ता है. हमारी भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी बढ़िया हैं. मोहम्मद शमी भी एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. किसी पर कीचड़ उछालना उचित नहीं है.”
ये कहना है पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अमरोहा ज़िले के सहसपुर अलीनगर गाँव के रहने वाले शोभाराम का.
शोभाराम पेशे से एक किसान हैं और उसी गाँव के रहने वाले भी हैं, जिस गाँव में मोहम्मद शमी का परिवार रहता है.
मोहम्मद शमी भारत-पाकिस्तान के बीच हुए टी-20 वर्ल्ड कप मैच में भारत को मिली हार के बाद से ही ट्रोल हो रहे हैं.
कई लोग उन पर कई तरह से निशाना साध रहे हैं. इसको लेकर बाकायदा एक राजनीतिक बहस भी शुरू है.

शोभाराम
भारत और पाकिस्तान का मैच

रविवार को हुए भारत और पाकिस्तान के मैच में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट के बड़े अंतर से हरा दिया था.

उसी के बाद से सोशल मीडिया पर लोग शमी को ट्रोल करने लगे.

कईं लोग शमी के पक्ष में खड़े भी दिखाई दे रहे हैं.

मैच में हार और शमी के प्रदर्शन पर शोभाराम आगे कहते हैं, “मैं खेती किसानी करता हूँ, लेकिन जब भारत-पाकिस्तान का मैच हुआ तो टीवी के आगे बैठ गया. भारत ने शुरुआत अच्छी की लेकिन जब पाकिस्तान का नंबर आया तो लगा कि शायद अब हम जीत नहीं पाएँगे. मुझे ऐसा आभास हुआ तो मैंने टीवी बंद कर दिया.”

हालांकि मोहम्मद शमी को ट्रोल किए जाने पर शोभाराम दुखी दिखे.
मोहम्मद शमी के ख़़राब प्रदर्शन पर हिंदू कॉलेज मुरादाबाद के प्रवक्ता डॉ राकेश निराश हैं, लेकिन इसके लिए वह अकेले शमी को ही ज़िम्मेदार नहीं मानते हैं.वे कहते हैं, “शमी को टारगेट किया जाना उचित नहीं है. मैच में एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं, ऐसे में सिर्फ़ एक क्रिकेटर पर ब्लेम डाल दें, तो बाक़ी के 10 क्रिकेटर क्या कर रहे थे. मैच वन टू वन हो, तो आरोपों के लिए आधार बनाया जा सकता है, लेकिन जहाँ पूरी टीम हो, वहाँ ऐसे आरोप सही नहीं है.”

डॉक्टर राकेश का मानना है कि इस तरह ट्रोलिंग से खिलाड़ियों का मनोबल टूटता है.

गाँव में ही रहने वाले मोहम्मद ज़ैद क्रिकेटर शमी के रिश्ते के भाई हैं. वे कहते हैं, “क्रिकेट में हार जीत दो ही बातें होती हैं. एक दिन के परफॉर्मेंस पर हम किसी को जज नहीं कर सकते हैं. पिछले 2019 के मैचों में शमी भाई ने अच्छा प्रदर्शन किया था.”

मन्नान
शमी को ट्रोल करने पर विरोध

ट्रोलिंग के सवाल पर मोहम्मद ज़ैद कहते हैं, “देखिए कुछ लोग तो गांधीजी पर भी उंगलियां उठाते हैं, उन्हें कहने दीजिए. कई लोगों ने शमी भाई को ट्रोल करने पर विरोध भी जताया है और वे उनके समर्थन में खड़े दिखे हैं.”

ज़ैद लॉ स्टूडेंट है और क्रिकेट के शौक़ीन भी हैं.

गाँव की पूर्व प्रधान छोटी बेगम के पुत्र मन्नान कहते हैं, “देखिए पाकिस्तान के साथ मैच में अगर शमी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, तो बुमराह और भुवनेश्वर भी बेहतर नहीं कर पाए. किसी को टारगेट करना ठीक नहीं है. आख़िर सभी खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं. कभी-कभी प्रदर्शन अच्छा हो नहीं पाता, तो क्या हम किसी को ट्रोल करेंगे.”

गाँव के ही बुज़ुर्ग जगराम सिंह भी शमी के प्रशंसकों में से हैं. वे कहते हैं, “मोहम्मद शमी के प्रशंसक तो पूरे गाँव में है. लोग उन्हें पसंद करते हैं. उन्होंने गाँव और ज़िले का ही नहीं, बल्कि पूरे देश का मान बढ़ाया है. हमारे गाँव का लड़का है. क्रिकेट में हिंदू मुसलमान नहीं होना चाहिए. जो लोग उनको ट्रोल कर रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए.”
उन्होंने इस मामले को राजनीति से प्रेरित होने की बात भी कही.
पत्नी के साथ विवाद में फंसे शमी को मिला कॉन्ट्रैक्ट
सहसपुर अलीनगर गाँव, जहां शमी का परिवार आज भी रहता है
शमी का गाँव
पश्चिम उत्तर प्रदेश के ज़िला अमरोहा के अंतर्गत जोया में सहसपुर अलीनगर गाँव है. इस गाँव में शमी का परिवार आज भी रहता है.
गाँव के ही अब्दुल मन्नान कहते हैं, “शमी बचपन से ही शानदार खिलाड़ी रहे हैं. उनकी खेल की शुरुआत गाँव से ही हुई है. गाँव में क़ब्रिस्तान के निकट वो मैदान आज भी है, जहाँ शमी अक्सर क्रिकेट खेला करते थे. उनकी बॉलिंग देखने तमाम गाँवों से लोग वहाँ आते थे.”

क्रिकेटर मोहम्मद शमी के गाँव सहसपुर अलीनगर में हिंदू और मुसलमान दोनों ही समाज के लोग रहते हैं.

पूर्व ग्राम प्रधान पुत्र हन्नान कहते हैं कि गाँव में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार गाँव की आबादी 3800 है. इस आबादी में लगभग 20 से 25 प्रतिशत हिंदू बिरादरी है.