टॉप ऑर्डर और लॉअर ऑर्डर की नाकामी और फ्लॉप गेंदबाजी की वजह से टीम इंडिया को यूएई और ओमान में खेले जा रहे टी-20 वर्ल्ड कप में रविवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से करारी हार झेलनी पड़ी। टीम की यह वनडे और टी-20 फॉर्मेट में मिलाकर वर्ल्ड कप इतिहास की पहली हार थी और इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ पिछले 29 सालों से चला आ रहा विजय अभियान भी थम गया। भारत ने वर्ल्ड कप में 1992 के बाद इस मैच से पहले तक सभी 12 मैचों (वनडे में सात और टी-20 में पांच) में जीत दर्ज की थी, लेकिन पहले शाहीन शाह अफरीदी की कातिलाना गेंदबाजी और फिर कप्तान बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान की नाबाद शतकीय साझेदारी से पाक को भारत के खिलाफ पहली जीत हासिल हुई।
इस मैच की पहली गेंद से ही पाकिस्तानी टीम का पलड़ा भारी हो गया था, क्योंकि यहां शाहीन ने भारत के उप-कप्तान रोहित शर्मा का विकेट झटक लिया था। शाहीन ने इसके बाद प्रैक्टिस मैच में अपना खूंखार रूप दिखाने वाले केएल राहुल को क्लीन बोल्ड किया। शाहीन यहीं नहीं रुके और बाद में कप्तान विराट कोहली का भी विकेट झटकते हुए अपनी टीम को बढ़त दिला दी। भारत पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों से मिले शुरुआती झटकों से आखिर तक नहीं उबर सका और सात विकेट पर 151 रन ही बना पाया।
भारत ने जब यह स्कोर बना लिया था, तो सभी को उम्मीद थी कि यह एक अच्छा और रोमांचक मैच साबित होगा। लेकिन यहां बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान मानो इतिहास बदलने ही आए थे। इन दोनों खिलाड़ियों ने किसी भी भारतीय गेंदबाज को नहीं बख्शा और मैदान के चारों ओर जमकर रन बटोरे। रिजवान ने भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार के पहले ओवर में ही चौका और छक्का लगाया। यही वजह थी कि कोहली को पावरप्ले में ही वरुण चक्रवर्ती को गेंद सौंपनी पड़ी। बाबर और रिजवान का फुटवर्क, प्लेसमेंट और टाइमिंग कमाल की थी, जिसके सामने भारत के तेज गेंदबाजों और स्पिनरों की एक नहीं चली। इन दोनों ने स्ट्राइक रोटेट करके भारत पर दबाव बनाया और आखिर में टीम को एक विशाल और यादगार जीत दिला दी।