सत्ता में रहकर भी जब न्याय की आस में गुहार लगाने पर जाइये तो जो करते बने कर लीजिए, सुनना पड़े तो हंगामा मचना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही हुआ सोमवार देर रात मिर्जापुर के विंध्याचल थाना में। सोमवार की रात करीब नौ बजे से जिले में अधिकारियों के साथ ही नेताओं के फोन घनघना उठे। एक पक्ष से कार्यकर्त्ता तो दूसरे पक्ष से अधिकारी थाना पर जुटने लगे। बताया जाता है कि किसी कार्यकर्ता के मामले में भाजपा नेता अभय मिश्रा ने थानाध्यक्ष को 9 बार फोन किया। जिसका जवाब नहीं मिला।
समर्थकों के साथ धरने पर बैठे
कुछ देर बाद थानाध्यक्ष ने पदाधिकारी को फोन कर वार्ता की और पुलिसिया रौब भी दिखा दिया। इसके बाद नेताजी खुद थाने पर पहुंचे। जहां उन्हें फिर जलील होना पड़ा। थाना प्रभारी ने सन्तोषजनक उत्तर देने के बजाय कहा जाइए, जो करते बने कर लीजिए। इसके बाद अभय मिश्रा समर्थकों के साथ थाने में ही जमीन पर धरने पर बैठ गए। थाने में धरना की जानकारी लगते ही प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मनोज श्रीवास्तव दल बल के साथ थाने पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा कार्रवाई हो नहीं तो मामला अब दूर तक जाएगी । खरी खरी सुन पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। थाने पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक, एडीएम, सीओ ने मामले की गंभीरता को भांपते हुए आपस में विचार विमर्श किया।
अपर पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने 24 घंटे में थानाध्यक्ष प्रभारी पर कार्रवाई करने का भरोसा देकर मामले को शांत कराया। इस दौरान सोहन माली, श्यामसुंदर केसरी, संतोष गोयल, नितिन केसरी, रविशंकर साहू, संजय यादव एवं महेंद्र मिश्रा के साथ ही नगर और विंध्याचल के तमाम पार्टी सैकड़ों की तादात में पहुंचें थे। करीब छह घंटे तक चला धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।