मध्यप्रदेश में धीरे-धीरे उपचुनाव का रंग गहराने लगा है। एक तरफ जहां नेताओं के दौरे बढ़़ रहे हैं, सभाएं हो रही हैं एक दूसरे पर हमले किए जाने का दौर जारी हैं तो अब चुनाव प्रचार में बाबाओं की भी एंट्री शुरू हो गई है।
राज्य की सियासत में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस का झंडा थामा था उन्होंने कमलनाथ कांग्रेस के समर्थन में खूब प्रचार भी किया था। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कंप्यूटर बाबा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया था, मगर सत्ता में हुए बदलाव के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गए। जहां उनके इंदौर स्थित आलीशान आश्रम को जमींदोज कर दिया गया था, वही बाबा को जेल की हवा भी दिखाना पड़ी थी। यह बात अलग है कि बाबा का इससे पहले भाजपा के शासन में भी जलवा रहा है।
राज्य में हुए 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में भी कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार किया था। अब एक बार फिर राज्य में तीन विधानसभा क्षेत्रों पृथ्वीपुर, जोबट व रैगांव के अलावा खंडवा संसदीय क्षेत्र में उप चुनाव हो रहे हैं, तो कंप्यूटर बाबा की प्रचार में एंट्री हो गई है।
खंडवा संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने पहुंचे कंप्यूटर बाबा का कहना है कि नवरात्रि जैसा त्यौहार होने के बावजूद वे अपने अनुष्ठानों को छोड़कर उप-चुनाव में प्रचार करने के लिए निकले हैं। ऐसा इसलिए कहीं यह झूठे पापी लोग आम लोगों को बरगला न दें, जरुरी इस बात की है कि कमलनाथ जैसे नेता को आगे आएं इसीलिए हम प्रचार के लिए निकले।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रवक्ता उमेश शर्मा ने बाबा के प्रचार करने पर तंज करता है। भाजपा के मुताबिक यह वही बाबा हैं जिन्होंने कांग्रेस को जिताने के लिए मिर्ची यज्ञ कराया था मगर उसकी मिर्ची कांग्रेस को ही लगी थी। दिग्विजय सिंह जैसे नेता की फजीहत हो गई उनको लोकसभा चुनाव में प्रज्ञा ठाकुर से हार मिली थी।