छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के फार्मूले को लेकर मचे विवाद के बीच गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हंगामेदार रही। मंत्री टीएस सिंहदेव समर्थकों द्वारा लगाई गई सवालों की झड़ी से भड़के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक पदाधिकारी को पद तक छोड़ देने को कह दिया। समर्थकों ने ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला हमारे और आपके स्तर का नहीं है। सिंहदेव समर्थकों के सवालों पर जिस समय मुख्यमंत्री नाराजगी जता रहे थे, उस समय पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम शांत बैठे थे।
कोरोनाकाल के बाद राजीव भवन में यह पहली बैठक थी। दोपहर करीब 12 बजे बैठक शुरू हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डेढ़ घंटे लेट करीब डेढ़ बजे पहुंचे। उनके पहुंचते ही सवाल पर सवाल होने लगे। इस पर मुख्यमंत्री नाराज हो गए। प्रदेश पदाधिकारी अर्जुन तिवारी, जेपी श्रीवास्तव और द्वितेंद्र मिश्रा ने इस दौरान सबसे ज्यादा सवाल किए। एक पदाधिकारी ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सवाल उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि मुझे इस नाराजगी का पता कैसे चलेगा। मुझे तो संगठन की बैठकों में बुलाया तक नहीं जाता।
इस पर एक पदाधिकारी ने कहा कि आपके पास तो प्रशासन का पूरा तंत्र है। यह जानकारी तो आपके पास पहुंचती ही होगी। पदाधिकारी ने यहां तक कह दिया कि हमारे पास तो आप तक पहुंचने का कोई जरिया ही नहीं है। इस पर सीएम बघेल ने कहा कि जब मैं प्रदेश अध्यक्ष था, तब नेता प्रतिपक्ष को सभी बैठक में बुलाता था। अब यह परंपरा पूरी तरह से टूट गई है। गौरतलब है कि सूबे में भूपेल बघेल और टीएस सिंहदेव में सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है। पार्टी आलाकमान की ओर से हस्तक्षेप किए जाने के बाद भी यह मामला सुलझता नहीं दिख रहा है।
कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री बैठक में शामिल होने के लिए नहीं आ रहे थे। करीब एक बजे एक वरिष्ठ नेता ने उनसे फोन पर जब चर्चा की तो बघेल ने कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी ही नहीं दी गई है। इस पर पदाधिकारी ने बताया कि आपके कार्यालय में जानकारी दी गई है। इसके बाद सीएम कांग्रेस भवन के लिए रवाना हुए। हालांकि, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में दोपहर 12 से दो बजे तक का समय राजीव भवन की बैठक के लिए तय था।