DG ISI की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा आमने-सामने हैं. 6 अक्टूबर को Inter-Services Public Relations (जो पाकिस्तान सशस्त्र बलों की मीडिया शाखा है) ने लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को DG ISI के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी. हालांकि, पीएम इमरान खान ने कथित तौर पर नियुक्ति की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है.
DG ISI को नियुक्त करने का कानूनी अधिकार सिर्फ प्रधानमंत्री के पास होता है. बताया जा रहा है कि इमरान खान चाहते हैं कि लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद अफगानिस्तान में कम से कम दो महीने के लिए स्थिति स्थिर होने तक DG ISI के रूप में बने रहें. वहीं, कहा जा रहा है कि जनरल कमर जावेद बाजवा के लिए ये एक बड़ा नुकसान है. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पाक सेना प्रमुख और पाक पीएम के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन गतिरोध जारी है.
पाक मीडिया के मुताबिक, स्थिति इतनी खराब है कि लेफ्टिनेंट जनरल अहमद अंजुम राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेताओं का कहना है कि सेना को DG ISI के पद के लिए उम्मीदवारों की एक सूची पीएम को भेजनी है और वो चुनते हैं, लेकिन कुछ रक्षा विशेषज्ञों का तर्क है कि कोर कमांडर और सेना प्रमुख DG ISI पर फैसला करते हैं.
हालांकि अब यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सोमवार की देर रात इमरान खान और सेना प्रमुख के बीच हुई बैठक के बाद सब कुछ ठीक है, लेकिन दोनों के बीच लकीर खींच खींच चुकी है.