लखीमपुर खीरी मामले में कई दिन बीत जाने के बाद भी सियासत थमती दिखाई नहीं दे रही है। राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को हाथ से न तो जाने ही देना चाहती हैं और न ही इसको खत्म करना चाहती हैं। लखीमपुर की घटना पर एक तरफ किसानों का शहीद दिवस है तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी की विजय यात्रा है। वहीं एक तरफ कांग्रेस का इसी घटना पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। कुल मिलाकर हर जगह लखीमपुर के मामले को विपक्ष भुनाने पर लगा हुआ है। अपनी समाजवादी विजय यात्रा पर अखिलेश यादव ने एक ट्वीट करते हुए लिखा है:
इस समाजवादी विजय यात्रा के जरिए अखिलेश यूपी की सत्ता के सूखेपन को दूर करने की मुहिम में जुट गए हैं। हालांकि ऐसी चाहत रखने वाले केवल अकेले वही नहीं है। कांग्रेस भी लखीमपुर के जरिए इसी सूखेपन को दूर करने में जुटी है।
कृषि कानूनों के खिलाफ लामबंद हुए किसानों के नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि जब तक अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं किया जाता है तब तक निष्पक्ष रूप से मामले की जांच नहीं हो सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि पीडि़तों को न्याय मिलने तक वो लखीमपुर खीरी जाना बंद नहीं करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में मगंलवार (12 अक्टूबर) को लखीमपुर घटना में मारे गए किसानों के सम्मान में शहीद दिवस का भी आयोजन किया गया है। इसके अलावा तिकुनिया के साहेबजादा इंटर कालेज में मारे गए किसानों के लिए अंतिम अरदास का कार्यक्रम भी रखा गया है।
इस मुद्दे पर मची सियासी हलचल को कोई भी विपक्षी पार्टी थामना नहीं चाहती है। प्रियंका गांधी समेत लगभग सभी विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार केंद्रीय गृहराज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। राहुल गांधी का कहना है कि भाजपा की केंद्रीय सरकार ऐसा न करके न्याय का मार्ग अवरुद्ध कर रही है। सोमवार को दिल्ली में भी कांग्रेसियों ने इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। प्रियंका ने इस मुद्दे पर किए एक ट्वीट में लिखा है कि मंत्री का बेटा किसानों की हत्या में गिरफ्तार, क्या अब भी मंत्री को पद पर बने रहने का है अधिकार? अपने ट्वीट में उन्होंने ये भी लिखा है कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि मंत्री को बर्खास्त किया जाए।
इस मुद्दे पर पंजाब में भी कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियों के समर्थक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं यूपी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका ने इस मुद्दे पर पार्टी की कमान संभाल रखी है। सोमवार को वो लखनऊ में जीपीओ के सामने मौन धरने पर बैठी थीं। इसी तरह से महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी ने लखीमपुर की घटना के विरोध में रैली निकाली थी और राज्य व्यापी बंद का आह्वान किया था। अखिलेश यादव ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि महाराष्ट्र बंद में सत्तारूढ़ पार्टी को मिली सफलता बताती है कि भाजपा के दिन पूरे हो गए हैं।
वहीं भाजपा सांसद वरुण गांधी के इस मुद्दे पर दी गई प्रतिक्रिया से कहीं न कहीं भाजपा को मुश्किल भी हो रही है। वहीं दूसरी तरफ वरुण गांधी के दिए बयानों के समर्थन में अब खुलकर शिवसेना और एनसीपी उतर आई हैं। इन पार्टियों का कहना है कि सभी को वरुण का समर्थन करना चाहिए। आपको बता दें कि वरुण के बयान के बाद भाजपा की केंद्रीय कार्यकारिणी से उनका और उनकी मां मेनका गांधी को बाहर कर दिया गया है। पार्टी के इस कदम को लखीमपुर की घटना से जोड़कर भी देखा जा रहा है।