सिद्धू का इस्तीफा नहीं हुआ स्वीकार, कांग्रेस ने कहा- मसला जल्द सुलझा लिया जाएगा

पंजाब कांग्रेस में सियासी भूचाल बढ़ता ही जा रहा है. कांग्रेस आलाकमान ने अभी नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है. कांग्रेस नेतृत्व ने सिद्धू के साथ अपने मसले सुलझाने की बात कही है. कांग्रेस विधायक बावा हेनरी ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है, जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे के विधायकों ने पंजाब विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है.

सिद्धू के इस्तीफे के बाद पटियाला में कैबिनेट मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा ने सिद्धू से मुलाकात की. कांग्रेस नेता परगट सिंह ने भी मीडिया से कहा कि एक दो मुद्दे हैं, बात हो गई है. कई बार गलतफहमी हो जाती है, हम उन्हें हल कर लेंगे. कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा, ‘एक-दो छोटे-छोटे मुद्दे हैं, आपस में गलतफहमी की वजह से विश्वास टूटा. कोई बड़ी बात नहीं है, कल सारा मसला सुलझ जाएगा.’

चन्नी कैबिनेट की मीटिंग पहले 1 अक्तूबर को होनी थी लेकिन पंजाब में जारी इस्तिफे और राजनितिक गतिविधियों को देखते हुए चन्नी ने आज बैठक बुलाई है.

उधर सिद्धू के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के विधायक और मंत्री भी अपना पद छोड़ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने इस्तीफा दे दिया है. रजिया सुल्ताना को जलापूर्ति एवं स्वच्छता और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मिला था. गुलजार इंदर चहल ने पंजाब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. गुलजार इंदर चहल को पंजाब कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष के रूप में सात दिन पहले 21 सितंबर को औपचारिक रूप से नियुक्त किया गया था, जब चरणजीत सिंह चन्नी ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. इसके अलावा योगिंदर ढींगरा ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए पंजाब कांग्रेस के महासचिव के रूप में इस्तीफा दे दिया. सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंत्री रजिया सुल्ताना और राज्य पार्टी के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल के बाद पद छोड़ने वाले ढींगरा तीसरे कांग्रेसी नेता हैं.