गुजरात के राजकोट जिले में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गया था. जगह-जगह जलजमाव हो गया था. भारी बारिश के कारण बने बाढ़ जैसे हालात में जिले के कई गांवों का एक-दूसरे से संपर्क कट गया था. नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स (एनडीआरएफ) की टीम ने ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया था.राजकोट जब बाढ़ जैसे हालात से जूझ रहा था तभी गुजरात में सत्ता परिवर्तन हुआ. जब जनता मुसीबत से जूझ रही थी तब गांधीनगर में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह चल रहा था. जनप्रतिनिधि भी मंत्री बनने की चाह के साथ गांधीनगर में डेरा जमाए हुए थे. अब जब सियासी तूफान शांत हो गया है तो नेता बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं. राजकोट के एक गांव में भाजपा विधायक लाखा सगठिया हालात का जायजा लेने पहुंचे तो उन्हें देख लोग भड़क गए और बंधक बना लिया.
राजकोट ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के विधायक लाखाभाई सगठिया 21 सितंबर को बाढ़ प्रभावित गांव नोधणचोरा का जायजा लेने पहुंचे थे. जहां ग्रामीणों ने विधायक को घेर लिया और जमकर फटकार लगाई. ग्रामीणों का कहना था कि बारिश के बाद गांव की स्थिति खराब हो गई थी. उस समय विधायक समेत अन्य नेता गायब हो गए थे. बाढ़ के बाद मदद भी नहीं मिली. आक्रोशित ग्रामीणों ने विधायक को घेरकर उनपर सवालों की बौछार कर दी.गौरतलब है कि बीते दिनों गुजरात के ज्यादातर जिलों में भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. भारी बारिश के कारण बाढ़ से कई मवेशियों की मौत हो गई. बाढ़ के समय जनता परेशान थी तब जनप्रतिनिधि गायब रहे. अब जबकि हालात थोड़े सुधरे हैं, विधायक और जनप्रतिनिधि कोरम करने जनता के बीच पहुंचने लगे हैं. जनप्रतिनिधियों को इस दौरान जनता के तीखे सवालों से जूझना पड़ रहा है.