विश्व बैंक के ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ को बंद करने के फैसले से पाकिस्तान अपने परम सहयोगी चीन के साथ-साथ परेशान है क्योंकि इस्लामाबाद हाल के महीनों में दावा कर रहा था कि वह 108 वीं की मौजूदा रैंकिंग में सुधार कर अपनी अगली रिपोर्ट में एक बड़ी छलांग लगाएगा. देश को भी उम्मीद थी कि अगली रिपोर्ट में यह रैंक में वृद्धि करेगा. लेकिन विश्व बैंक की टिप्पणी से पाकिस्तान के उम्मीदों पर पानी फिर गया है. पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी दैनिक द डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व बैंक के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, पाक बोर्ड ऑफ इनवेस्टमेंट (बीओआई) की सचिव फरीना मजहर ने कहा कि इस्लामाबाद को विश्वास है कि नियामक सुधारों के संदर्भ में बीओआई जो काम कर रहा है, वह भविष्य के खाका के मानदंड के संदर्भ में बढ़त प्रदान करेगा. लेकिन उन्होंने विश्व बैंक के फासले पर नाखुशी व्यक्त की है.
विश्व बैंक दुनिया भर में व्यावसायिक स्थितियों पर एक प्रमुख रिपोर्ट को रद्द कर रहा है क्योंकि जांचकर्ताओं ने पाया कि स्टाफ के सदस्यों को बैंक के नेताओं द्वारा चीन के बारे में डेटा बदलने के लिए दबाव डाला गया था. विश्व बैंक ने कहा कि वह डेटा अनियमितताओं के आरोपों के कारण अपने निवेश के माहौल पर देशों की रैंकिंग स्थायी रूप से रोक देगा.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में फिलहाल देश 108वें नंबर पर है. डॉन के अनुसार, पाकिस्तान के प्रतिभूति विनिमय आयोग (एसईसीपी) के माध्यम से कंपनी के पंजीकरण में पिछले एक साल में 63 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मजहर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वे नियामक सुधारों में जो काम कर रहे हैं, वह उन्हें भविष्य के मानचित्रण मानदंडों के मामले में बढ़त दिलाएगा.
तीन हफ्ते पहले विश्व बैंक समूह के सहयोग से बीओआई ने 7वीं सुधार कार्य योजना शुरू की थी. उस अवसर पर मजहर ने कहा था कि, “सातवीं सुधार कार्य योजना मुख्य रूप से फर्म प्रवेश नियमों, बिजली की विश्वसनीयता, कर नियमों, व्यापार नियमों, लेनदारों के अधिकार, बेहतर संपत्ति अधिकार, अदालत की दक्षता आदि में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि इन क्षेत्रों में सुधार आर्थिक विकास में तेजी लाने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं. “
विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2002 में इसकी वार्षिक रैंकिंग के साथ पेश की गई थी, जिसमें बताया गया था कि किन देशों ने व्यवसायों के पक्ष में नीतियों को अपनाया है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि किन देशों में सुधार हुआ है उन्होंने कितना पीछे किया है. पिछले साल न्यूजीलैंड नंबर एक सोमालिया 190वें स्थान पर था.