ऐसे आगे बढ़े चन्नी
जन्म: 15 मार्च 1963
शुरुआती राजनीति: तीन बार पार्षद रहे। दो बार नगर परिषद खरड़ के प्रधान रहे।
पहला चुनाव: 2007 में चमकौर साहिब से निर्दलीय जीते। बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए।
बढ़ा रुतबा: 2012 व 2017 में लगातार कांग्रेस की टिकट से जीते।
सदन में पकड़: 2015 में कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को नेता विपक्ष के पद से हटाकर चरणजीत ङ्क्षसह चन्नी को नेता प्रतिपक्ष बनाया।
सरकार में सम्मान: 2017 में चन्नी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया।
शिक्षा: बीए, एलएलबी और एमबीए
पत्नी: डा. कमलजीत कौर
पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने नए सीएम के लिए चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की घोषणा की तो सबको चौका दिया। पहले सुनील जाखड़ और फिर सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम सीएम पद के लिए चला, लेकिन अंत में समीकरण बदले और कांग्रेस ने दलित चेहरे कैप्टन सरकार में मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मोहर लगाई। 15 मार्च 1963 को जन्मे चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री होंगे।
चन्नी ने पार्षद पद से राजनीति की शुरुआत की। वह तीन बार पार्षद रहे। वह नगर काउंसिल खरड़ के प्रधान रहे। 2007 में चमकौर साहिब से चन्नी आजाद जीतकर पंजाब विधानसभा पहुंचे। बाद में वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और 2012-2017 में वह कांग्रेस के टिकट पर चमकौर साहिब से चुनाव जीते। 2015 में कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को नेता प्रतिपक्ष बनाया। 2017 में चन्नी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया। वर्तमान में चन्नी के पास तकनीकि शिक्षा, इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, इम्पलाइ जनरेशन, टूरिज्म व कल्चर अफेयर विभाग था। चन्नी राजनीति शास्त्र में एमए हैं। यही नहीं उन्होंने एमबीए व एएलबी भी की है।
बधाई हो
शुक्रिया