तिल्दा- नेवरा :- प्रथम पुज्य देवता श्री गणेश जी के जितना खुशी के साथ स्थापना के साथ भक्त गणेश पर घर घर करते हैं। उसी ही खुशी औऱ हर्षौलास अपने देवता का विसर्जन करते क्षन भी रहती हैं। हालांकि बप्पा घर से जाने का यह पल थोड़ भावुक होता हैं, लेकिन फिर से अगले साल उनके घर पर आने कि इंतजार भी शुरू हो जाता हैं, ऐसे में भक्त गाते बप्पा को अगले बरस फिर आने के लिए कहा ते हुये विसर्जन करते हैं। वैसे तो भक्त अपनी कामना के मुताबिक 7 या 11वे दिन में बप्पा का विसर्जन कर ते है। लेकिन बप्पा का विसर्जन गणेश उत्सव के पूरे होने पर ही करना चाहिए।इन सब के बीच सबसे अहम है, जो हैं भगवान गणेश के हवन यज्ञ की पूजा विधि और मंत्र जो भक्त गणेश विसर्जन पहले करते हैं।
भगवान श्री गणेश विघ्नहर्ता हैं, बप्पा अपने भक्त के सारे संकट हर लेते है।और उसे जीवन में सुख- शांति और समृद्धि देते हैं। ऐसे में भक्त भद्रपत मास शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर बप्पा की घरो में स्थापना करते है।और अन्त चौदस (चतुर्दसी) के दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता हैं।हालांकि निर्जन में अभी एक दिन बाकी है ।भगवान की जैसे शुभ मुहूर्त में की जाती हैं।उसी तरह शुभ मुहूर्त के मुताबिक विदाई भी होती हैं। ऐसे में गणेश विसर्जन 21सितम्बर को किया जाएगा।