राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत आगामी चुनाव के मद्देनजर संगठन को मजबूत करने के लिए देश भर में भ्रमण कर रहे हैं। ऐसे में विपक्षी पार्टियों ने आरएसएस पर हमले तेज कर दिये हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह आरएसएस की तुलना तालिबान से की है। उनका दावा है कि आरएसएस के पास महिलाओं के लिये तालिबान के समान विचारधारा है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘तालिबान का कहना है कि महिलाएं मंत्री बनने के लायक नहीं हैं। मोहन भागवत ने कहा कि महिलाएं घर में रहें और घर की देखभाल करें। क्या ये समान विचारधाराएं नहीं हैं?’ दिग्विजय सिंह ने आगे केंद्र से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है। बकौल दिग्विजय, ‘मोदी-शाह सरकार को अब यह स्पष्ट करना होगा कि क्या भारत तालिबान सरकार को मान्यता देगा, जिसमें घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य मंत्री हैं?’
इससे पहले, सिंह ने बुधवार को इंदौर में आयोजित सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि संगठन झूठ और गलतफहमियों को फैलाकर हिंदू मुस्लिम समुदायों को विभाजित कर रहा है। भागवत की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कि हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है, सिंह ने पूछा, ‘अगर ऐसा था तो लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठाए जा रहे थे? आरएसएस सदियों से बांटो और राज करो की राजनीति करता आ रहा है। वे झूठ और गलतफहमियां फैलाकर दो समुदायों को बांट रहे हैं।’