अफगानिस्तान में अभी कोई सरकार नहीं है. काबुल पर कब्जा करने के 18 दिन बीत गये. राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर सउदी अरब में हैं. अफगानिस्तान की नई सरकार बनाने को लेकर अब जल्द ऐलान होने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद तालिबान नई सरकार का ऐलान करेगा. इस सरकार का मुखिया कौन होगा कौन-कौन सरकार में शामिल होगा, इसपर जद्दोजहद चल रही है. 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले लिया है. अमेरिकी सेना भी सोमवार की रात अफगानिस्तान से बाहर निकल गई. लेकिन जगह-जगह तालिबान को चुनौती मिल रही है. सबसे ज्यादा पंजशीर प्रांत में तालिबान को चुनौती मिल रही है. तालिबान पंजशीर में अहमद मसूद से बातचीत भी कर रही है.
अमेरिकी सेना के जाने के बाद तालिबानी लड़ाकों ने हवाई फायरिंग कर खुशी भी मनाई थी. अफगानिस्तान के बिगड़ते आर्थिक संकट के बीच तालिबान अब एक ऐसे राष्ट्र पर शासन करने की उम्मीद कर रहा है जो बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है. ऐसे में देखना है कि तालिबान किस तरह से अपने कदम को आगे बढ़ाता है.
तालिबान शासन के अंतर्गत सरकार का ढांचा उस तरह नहीं होगा जैसा कि पहले था. अफगानिस्तान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा इस सरकार के प्रमुख होंगे. दूसरे नंबर पर प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति होंगे जो उनके आदेशों के तहत ही काम करेंगे. टोलो न्यूज की रिपोर्ट में यह जानकारी तालिबान के कल्चरल कमिशन के सदस्य अनमुल्लाह समनगनी के हवाले से छपी है. उन्होंने बताया, ‘नई सरकार पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है कैबिनेट को लेकर जरूरी फैसले भी ले लिए गए हैं. हम जिस इस्लामी सरकार का ऐलान करेंगे वह लोगों के लिए उदाहरण होगी. अखुंदजादा के नेतृत्व में सरकार बनने को लेकर कोई शक नहीं है. वह सरकार के मुखिया होंगे इसपर कोई सवाल ही नहीं किया जा सकता.’
सरकार गठन के पहले से ही तालिबान इस आशा में था कि उसकी सरकार को अमेरिका, चीन आदि देश मान्यता दे देंगे. लेकिन औपचारिक रूप से अभी किसी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है. अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को लेकर व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका या अन्य किसी देश को तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि यह कदम पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका या अन्य किसी देश, जिससे हमने बात की है उसे तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है.