दो दशकों बाद अफगानिस्तानपर फिर से काबिज हुए तालिबान ने वैश्विक समीकरणों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है. पाकिस्तानतो पहले ही तालिबान की गोद में जा बैठा है. बाद में रूस फिर चीन ने भी आतंकी मुजाहिदीन लड़ाकों को लेकर लचीला रुख प्रदर्शित किया. इस कड़ी में फिलहाल बड़ा बदलाव ब्रिटेन के रुख में आया है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह तालिबान के साथ भी काम करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के हालात पर राजनयिक प्रयास जारी हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का बचाव अभियान जारी है. हालांकि इसमें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
अफगानिस्तान हालात के हल के लिए राजनयिक प्रयास जारी
ब्रितानी पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा, ‘मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अफगानिस्तान के हालात का हल तलाशने के लिए हम सभी राजनयिक प्रयास जोर-शोर से कर रहे हैं. इसके लिए अगर जरूरत पड़ी तो तालिबान के साथ काम भी करेंगे. अफगानिस्तान मजबूत बने ये हमारी प्रतिबद्धता है.’ गौरतलब है कि अमेरिकी सेना के बाद बड़ी संख्या में ब्रिटिश सैनिक दूतावास से जुड़े कर्मचारी अधिकारी काबुल में तैनात थे. फिलहाल अमेरिका, भारत समेत ब्रिटेन भी इन लोगों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए बड़ा बचाव अभियान चला रहा है.
भारत औऱ अमेरिका भी चला रहे बचाव अभियान
जॉनसन ने इस बचाव अभियान पर कहा, ‘अफगानिस्तान में जारी बचाव अभियान को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. फिर भी हम अपने स्तर पर भरपूर प्रयास कर रहे हैं. ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जिन्होंने हमारी मदद की है. मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन्हें बचाना भी हमारी प्राथमिकता में है.’ गौरतलब है कि ब्रिटिश पीएम का बयान ऐसे वक्त आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी चेतावनी जारी कर दी है कि अगर तालिबान ने एक भी अमेरिकी को मारा तो हालात बिगड़ सकते हैं. इस वक्त अमेरिकी सेना का काबुल एयरपोर्ट पर पूरी तरह से कब्जा है. अमेरिकी लड़ाकू विमान हेलीकॉप्टर आसमानी सुरक्षा के बीच भारत औऱ ब्रिटेन के बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं.