कर्नाटक में मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई से मुलाकात के बाद पर्यटन एवं पर्यावरण मंत्री आनंद सिंह ने बुधवार रात स्पष्ट किया कि वह अपने विभाग से असंतुष्ट हैं लेकिन इस्तीफा देने नहीं जा रहे। माना जा रहा है कि येदियुरप्पा सरकार में अपने पास रहे वन विभाग को फिर से मिलने के आश्वासन से वह संतुष्ट हो गए हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले आनंद सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। निकाय प्रशासन विभाग के मंत्री एमटीबी नागराज के बारे में मुख्यमंत्री बोम्मई ने उनके भी मान जाने की बात कही है।
मंत्रिमंडल गठन के तत्काल बाद मंत्री बनने से वंचित रह गए दो पूर्व मंत्रियों ने असंतोष जताया था। बुधवार को दो मंत्रियों ने पसंद वाले विभागों की मांग पूरी न होने पर इस्तीफे की धमकी दे दी। इस्तीफे की धमकी देने वाले आनंद सिंह और नागराज 2019 में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन से आए थे और येदियुरप्पा सरकार में भी मंत्री थे। पिछले हफ्ते हुए विभागों के वितरण में आनंद सिंह को पर्यटन और नागराज को निकाय प्रशासन विभाग दिए गए। दोनों ही मंत्रियों को ये विभाग रास नहीं आए।
भाजपा सूत्रों के अनुसार आनंद सिंह ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया था, जबकि नागराज ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें अपनी पसंद का विभाग नहीं मिला तो वह इस्तीफा दे देंगे। आनंद सिंह ने विजयनगर स्थित अपना कार्यालय खाली कर दिया था और कहा था कि पसंद का विभाग न मिलने पर वह विधायक के रूप में कार्य करेंगे।
नुकसान बचाने में जुटे बोम्मई ने बुधवार को कहा, आनंद सिंह से उनकी दोस्ती तीन दशक पुरानी है और नागराज के साथ भी कोई समस्या नहीं होगी। सूत्रों के अनुसार आनंद सिंह ने मुख्यमंत्री से लोक निर्माण विभाग और नागराज ने आवास विभाग की मांग की थी। जबकि बोम्मई ने लोक निर्माण विभाग सीसी पाटिल को दे रखा है। विभाग को लेकर मांग उठने की भनक लगते ही पाटिल दिल्ली चले गए हैं। वहां पर उन्होंने केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात की है और अपना विभाग न बदले जाने का अनुरोध किया है।