अफगान में तालिबानियों ने तोड़ी कंधार जेल, कैदियों को किया रिहा

अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों ने अराजकता का माहौल खड़ा कर दिया है. अफगान सरकार इन तालिबानी आतंकियों के सामने बेबस लाचार नजर आ रही है क्योंकि इस आतंकी संगठन की अफगानिस्तान में लागातार ताकत बढ़ती ही जा रही है. तालिबान ने अफगानिस्तान के कई हिस्सों पर कब्जा जमा लिया है. अब तालिबान ने एक बहुत बड़ी कार्रवाई की है जो किसी भी देश के लिए शर्मनाक है. तालिबानी आतंकियों ने अफगानिस्तान की कंधार जेल को तोड़ दिया वहां बंद कैदियों को रिहा कर दिया है. इतना ही नही इन आतंकियों ने इस पूरी घटना का वीडियो भी बनाया है इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि कैसे आतंकवादी जेल तोड़कर वहां बंद कैदियों को रिहा कर रहे थे. इस वीडियो में बताया गया है कि ये वहीं जेल है जहां से तालिबान आतंकी संगठन अपने कैद किए गए साथियों को रिहा करवाना चाहता था. आपको बता दें कि इसके पहले जुलाई में भी इस जेल पर तालिबानी आतंकियों ने हमला किया था, लेकिन तब इन्हें सफलता नहीं मिली थी. बुधवार को एक बार फिर तालिबानी आतंकियों ने कंधार जेल पर हमला बोला अपने साथियों को छुड़ाने में कामयाबी पाई. इस दौरान तालिबानी आतंकियों ने कई राजनैतिक कैदियों को जेल तोड़ छुड़वाया. इस पूरी कार्रवाई का एक वीडियो भी तालिबान ने जारी किया है.
संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि गुलाम मोहम्मद इशाकजई ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से तालिबान को विनाशकारी समूह घोषित करने उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है. मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के नवनियुक्त राजदूत ने अंतराष्ट्रीय समुदाय से सावधान रहने पाकिस्तान में तालिबान के केंद्रों पर दबाव बनाने का आह्वान किया है. अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इससे पहले पाकिस्तानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ कमर जावेद बाजवा से अफगानिस्तान के साथ सीमा पर आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने के लिए कहा था.
ऑस्टिन ने बाजवा से फोन पर बात करते हुए कहा था कि अफगानिस्तान में अस्थिरता असुरक्षा का मुख्य कारण बेहद सुरक्षित ठिकाने हैं इससे पाकिस्तान के लोगों को भी नुकसान होगा. अफगानी राजदूत ने तालिबान पर अपने वादों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं होने का आरोप लगाया, जिसके बारे में उनका मानना है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लड़ाकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रेरित कर रहा है. इशाकजई ने पाकिस्तान से तालिबान को उसकी धरती पर समर्थन देने उसे सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने से रोकने का भी आह्वान किया है. इससे पहले, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी एनएसए ने भी पाकिस्तान पर तालिबान का समर्थन करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि 10,000 से अधिक लड़ाके अफगानिस्तान में डूरंड रेखा पार कर चुके हैं तालिबान के साथ मिलकर लड़ रहे हैं.