अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (Lloyd Austin) ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ फोन पर चर्चा की। इस दौरान अफगानिस्तान में तालिबान के चलते पैदा हुए हिंसक माहौल को लेकर दोनों देशों ने चर्चा की।
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कॉल के एक रीडआउट में कहा, सचिव ऑस्टिन और जनरल बाजवा ने अफगानिस्तान में चल रही स्थिति, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता सहित द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर अधिक व्यापक रूप से चर्चा की गई’।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑस्टिन ने अफगनिस्तान के क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के कायम करने के मकसत से फोन पर बातचीत की। किर्बी ने ने बताया कि कि इस दौरान ऑस्टिन ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में सुधार जारी रखने और क्षेत्र में हमारे कई साझा हितों का निर्माण करने में अपनी रुचि व्यक्त की है।
बता दें कि अमेरिका ने बीते दिन अफगानिस्तान में हवाई हमले तेज करने के कोई संकेत नहीं थे लेकिन इसके बाद भी तालिबान की तानाशाही बढ़ती जा रही है। पेंटागन के एक प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि अमेरिकी अब लड़ाई को अफगान राजनीतिक और सैन्य नेताओं की जीत या हार के रूप में देखते हैं। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो यह नेतृत्व के लिए झुकने जैसा है। अब यह उनका देश है, जिसका उन्हें ख्याल रखना है। यह उनका संघर्ष है।
अफगानिस्तान के मुद्दे पर पाकिस्तान लगातार पीछे हट रहा है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का मानना है कि अफगानिस्तान की विफलता केवल पाकिस्तान की नहीं बल्कि सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। ऐसे में कोई भी देश इससे मुंह नहीं मोड़ सकता है। एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुरैशी ने कहा,’ कुछ ऐसे तत्व हैं तो अफगानिस्तान में शांति बहाल नहीं होने देना चाहते हैं। ऐसे तत्व पाकिस्तान की छवि खराब करने की कोशिश कर कर रहे हैं। ऐसे हालातों में पाकिस्तान किसी सैंडविच की ही तरह फंसा हुआ है’।