पेगासस जासूसी कांड के मुद्दे पर हुए हंगामे की वजह से संसद का मानसून सत्र दो सप्ताह से काफी प्रभावित हुआ है। इसको देखते हुए इस सत्र को समय से पहले ही खत्म करने पर भी सरकार विचार कर रही है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार बहस से भाग रही है। विपक्ष ने कहा है कि वो सरकार के इस प्रस्ताव पुरजोर विरोध करेगी। इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार दोनों ही आमने सामने हैं। दोंनों ही सदनों में इस मुद्दे पर घमासान मचा हुआ है।
सरकार और विपक्ष के बीच सुलह की कोशिश भी अब कम होती जा रही हैं। विपक्ष जहां इस मुद्दे पर बहस की मांग कर रहा है वहीं सरकार इसको गैरजरूरी बता रहा है। सरकार का आरोप है कि विपक्ष का ये एक राजनीतिक एजेंडा है। इसलिए जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार बहस के लिए तैयार है। आपको बता दें कि सरकार इस दौराान आठ विधेयकों को बिना चर्चा के पारित करा चुकी है। इनमें से पांच लोकसभा में और तीन राज्य सभा में पास करवाए गए हैं। वहीं सरकार ने अपने विधायी एजेंडे को पूरा करने की तरफ कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के दिल्ली आने के बाद से ही सदन में सरकार और विपक्ष के बीच धमासान में तेजी आई है। कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि यदि सरकार पेगासस पर चर्चा के लिए तैयार हो जाती है तो उसी वक्त गतिरोध भी खत्म हो जाएगा। सरकार को इस संंबंध में केवल विपक्ष के दो सवालों का ही जवाब देना है। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राज्य सभा के सभापति को पत्र लिखकर कहा है कि विपक्ष को अपनी बात रखने का एक मौका दिया जाना चाहिए।
सरकार ने सदन में हुए हंगामे पर कहा है कि इससे इस शोर-शराबे की वजह से लोकसभा में महज सात घंटे ही काम हुआ है जबकि राज्यसभा में केवल 11 घंटे काम हो सका है। सकारात्मक रहा है। इस तरह दोनों सदनों के कुल 107 घंटों में संसद केवल 18 घंटे ही चली है। इसकी वजह से सरकार को 133 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।